मप्र में कांग्रेस आक्रामक रुख अपनाने के मूड में
By : hashtagu, Last Updated : May 24, 2023 | 3:23 pm
राज्य में इसी साल विधानसभा के चुनाव हैं और यह पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा कशमकश भरे रहने वाले हैं। कांग्रेस (Congress) को उम्मीद है कि जनता के मुद्दों के साथ आक्रामक रुख अपनाना उसके लिए फायदेमंद हो सकता है। वर्ष 2018 की तरह वह सत्ता पर काबिज हो सकती है। लिहाजा पार्टी अपने प्रवक्ताओं और मीडिया विभाग से जुड़े पदाधिकारियों को साफ तौर पर यह निर्देश दे चुकी है कि वह अपनी बात को पूरी दमदार इसे रखें साथ ही आक्रामक तरीका भी अपनाएं।
बीते रोज पार्टी के मीडिया विभाग के प्रचार प्रभारी पवन खेड़ा और पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत का भोपाल प्रवास हुआ. इस दौरान उन्होंने मीडिया विभाग के कुछ पदाधिकारियों से एक-एक कर बातचीत की तो वही प्रवक्ताओं की सामूहिक बैठक ली। इस बैठक में दोनों नेताओं ने कुछ गुरु मंत्र दिए साथ ही इस बात पर जोर दिया कि वह राज्य की जनता से जुड़े मुद्दों को पूरी क्षमता से उठाएं और ऐसे मुद्दों से बचें जिन से भाजपा को लाभ हो सकता है।
अभा कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के प्रचार प्रभारी पवन खेड़ा ने कहा कि व्यापमं हो, नौजवानां की बेरोजगारी का आलम हो, महंगाई, गैस सिलेण्डर हो, महिला सुरक्षा हो, पेट्रोल, डीजल, स्वास्थ्य हो, राजनीति में हम लोग इन्हीं मुद्दों पर काम करने के लिए आए हैं। भाजपा सरकार में है, तो भाजपा का इन मुद्दों पर दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं दिखता, लचर सेवाएं भी हमने देखी, कोविड़ के दौरान देखी।
पवन खेड़ा ने मीडिया टीम को हिदायत दी है कि वे उन मुद्दों से बचें जो जनता के नहीं है और भाजपा उन्हें उलझाना चाहती है। भाजपा कभी भी जनता के मुद्दों की बात नहीं करती, इसलिए कांग्रेस के जनता के मुद्दों पर ही केंद्रित रहना है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कर्नाटक की जीत ने कुछ चीजें साफ कर दी। जनता बिना संशय के राजनीतिज्ञों से, राजनैतिक पार्टियों, प्रधानमंत्री, विपक्ष से साफ कह रही है कि हमारे मुद्दां की बात करेगें तो वोट देकर सरकार में बिठायेंगे, इधर-उधर की बात करेंगे तो विपक्ष में बैठायेंगे।
कुल मिलाकर राज्य के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का रुख पूरी तरह आक्रामक रहे, इसके अभी से प्रयास तेज हो गए हैं। पार्टी जहां अपनी मीडिया टीम को और प्रशिक्षित करेगी वहीं उन मुद्दों पर जोर देगी जिससे भाजपा की राज्य और केंद्र सरकार को घेरा जा सके।