टैक्स फ्रॉड मामले में लोगों को गुमराह, संस्थानों को धमकाने की कोशिश कर रही है कांग्रेस : भाजपा
By : hashtagu, Last Updated : March 30, 2024 | 7:01 pm
भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए सैयद ज़फ़र इस्लाम ने कहा कि जिस दिन से कांग्रेस को आयकर विभाग से कर भुगतान के लिए नोटिस आया है, उसी दिन से उसके खेमे में बौखलाहट हैि अपने-आपको हमेशा कानून और नियमों से ऊपर समझने वाली कांग्रेस देश के संस्थानों को अपनी जागीर समझती है, लेकिन अब उसे यह समझ आ गया है कि अब कानून का दौर है और कानून से ऊपर कोई भी नहीं है। कांग्रेस देश की सर्वोच्च संस्थाओं का अपमान करती है और यह साफ दिखता है।
उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया कि वह यह बताए कि वह किसके खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रही है – इनकम टैक्स विभाग के खिलाफ या हाईकोर्ट के खिलाफ?
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस ने टैक्स के मामले में नियमों का पालन नहीं किया, टैक्स दाखिल करने या अपील के संबंध में नियमों का पालन करने में भी उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया। नोटिस मिलने के बाद कांग्रेस ने आयकर कमिश्नर के पास अपील की जो खारिज हो गई है। उसके बाद उसने आईटीएटी में भी अपील की और वहां से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद कांग्रेस ने दिल्ली हाईकोर्ट में भी अपील की लेकिन हाई कोर्ट ने भी उसकी दलीलों को खारिज करते हुए न केवल आयकर विभाग की कार्रवाई को सही ठहराया, बल्कि कांग्रेस को फटकार भी लगाई। लेकिन कांग्रेस चोरी करने के बाद सीनाजोरी भी कर रही है।
भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि हाईकोर्ट ने कहा है कि आयकर विभाग के पास जितने दस्तावेज हैं, वे रिअसेसमेंट के लिए काफी हैं। उन्होंने दावा किया कि हाईकोर्ट ने यह भी यह माना कि कांग्रेस पार्टी ने टैक्स की चोरी की है और 520 करोड़ रुपये की आय छिपाई है।
भाजपा प्रवक्ता ने यहां तक दावा किया कि अब रिकवरी का प्रोसेस शुरू हो गया है और ऐसा लग रहा है कि रिअसेसमेंट के बाद कांग्रेस की टैक्स देनदारी जो अभी 1,823 करोड़ रुपए की है वह इससे कहीं ज्यादा बढ़कर साढ़े तीन या चार हजार करोड़ रुपये तक भी पहुंच सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के नेता संस्थानों को धमकाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन वह अपनी कोशिश में कामयाब नहीं होंगे। देश की जनता कांग्रेस को समझ रही है और इस मामले में कानून अपना काम करता रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र था, लोकतंत्र है और लोकतंत्र रहेगा।