Congress Story : ‘कुमारी सैलजा’ हटीं! क्या अब ‘सचिन पायलट’ कर पाएंगे डैमेज कंट्राेल ?

By : hashtagu, Last Updated : December 23, 2023 | 9:44 pm

छत्तीसगढ़। 2018 में चमत्कारिक रूप सत्ता में आई कांग्रेस (Congress) की 2023 में करारी चुनावी हार हो गई। 75 सीट लाने के दावों से उलट 35 सीटों पर सिमट गई। इन नतीजों को आए 20 दिनों में कांग्रेस के अंदर घमासान का ऐसा द्वंद चला जिसे लोगों ने देखा और सुना। हार के बाद जिस तरीके से पार्टी के अंदर हार के कारणों को लेकर शिकायतों का दौर दिल्ली तक चला। जिन विधायकों के टिकट कटे थे, वे कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा (State in-charge Kumari Selja) की शिकायत करने लगे।

  • उनका तर्क था, पार्टी में गुटबाजी इस कदर थी, कि वर्तमान विधायकों के टिकट काटे गए और उनसे कहा गया कि शीर्ष नेतृत्व का सर्वे है। जबकि इस बात से शीर्ष नेतृत्व ने इंकार कर दिया था कि ऐसा कोई सर्वे हुआ था। लेकिन आंतरिक सर्वे की बात को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कुमारी सैलजा सार्वजनिक रूप से बयान भी देते देखे गए थे। इसके बाद ब्लॉक स्तर पर टिकट के लिए मंगाए आवेदनों की वजह से भी गुटबाजी उभार पर आ गई। क्योंकि जिनके नाम दावेदारी के रूप में सार्वजनिक हुए वे नाराज हो गए। कई विधानसभा में टिकट नहीं पाने वाले दावेदार भी चुनावी मैदान में उतर गए।

इन सबके बीच पूर्व विधायक विनय जायसवाल ने तो यहां तक कह दिया कि पार्टी में टिकट के लिए पैसे तक मांगे गए। इसके अलावा पूर्व मंत्री अमरजीत भगत का भी एक बयान आया था कि कांग्रेस में सभी अपना-अपना चलाने में ही निपट गए। बाकी चुनाव लड़ने वाले हार गए नेताओं को विश्वास ही नहीं हुआ कि वे हार गए हैं। उसमें एक पूर्व मंत्री ने यहां तक कह दिया कि ईवीएम की बात अभी उठाऊंगा तो बीजेपी वाले तेलंगाना का नाम लेंगे। अगर पार्टी अनुमति देगी तो ईवीएम का मुद्दा उठाएंगे।

  • गौरतलब है कि इससे यही लगता है कि कांग्रेस पार्टी के अंदर की गुटबाजी को नहीं भांप पाई। उन्हें विश्वास था कि कुछ लोगों के सहयोग के बिना भी चुनाव जीत लेंगे। कुल मिलाकर उन्हें कांग्रेस की नीतियों पर जनता को साथ मिलने का भरोसा था। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। क्योंकि बीजेपी ने भी इस बार विधानसभा चुनाव में किसान, पीएम आवास और महतारी वंदन जैसी अन्य मोदी की गारंटियों का कार्ड खेल दिया। जिस पर जनता ने भरोसा जताया। क्योंकि इस बार बीजेपी के वोटिंग प्रतिशत भी 13 फीसद तक बढ़े।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की बुरी हार के बाद कई पूर्व विधायकों ने कुमारी सैलजा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। पैसों की लेन-देन समेत ऑडियो-वीडियो वायरल होने जैसे गंभीर आरोप लगे थे। इसके अलावा टिकट कटने को लेकर भी सैलजा पर लगातार सवाल उठते रहे। जिन विधायकों का टिकट काटा गया था, उन्होंने दिल्ली में कई नेताओं से सैलजा की शिकायत की। कई पूर्व विधायकों ने सैलजा के खिलाफ आलाकमान को सबूत देने तक की बात कही थी।

छत्तीसगढ़ को मिले ‘पायलट’

चर्चा थी कि विधानसभा चुनाव के बाद पायलट राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। इन अटकलों पर रोक लगाते हुए कांग्रेस आलाकमान ने पायलट को छत्तीसगढ़ भेजा है। इसके पीछे कोशिश यही है कि लोकसभा में वो छत्तीसगढ़ में अधिक फोकस रखें। पायलट एग्रेसिव नेता की छवि वाले हैं। कांग्रेस मानती है कि छत्तीसगढ़ में कुछ ऐसे ही लोगों की जरूरत है इसलिए उन्हें यहां भेजा गया है। लेकिन इनके सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस में डैमेज कंट्रोल करना।

भूपेश बघेल ने दी नए प्रदेश प्रभारी को बधाई

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नए प्रदेश प्रभारी को बधाई दी। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा- कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट जी को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रभारी नियुक्त होने पर बधाई एवं शुभकामनाएं। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस की निवर्तमान प्रभारी कुमारी सैलजा जी को उत्तराखंड का प्रभारी नियुक्त होने पर बधाई। छत्तीसगढ़ में आपकी सेवाओं के लिए आभार।

  • इनपुट (मिडिया रिपोर्ट)

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