रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव (BJP State General Secretary Sanjay Srivastava) ने स्वातंत्र्यवीर सावरकर को लेकर कांग्रेस खेमे की ओर से सामने आई एक टिप्पणी पर तीखा पलटवार करते हुए कहा है कि पाकिस्तान से कांग्रेस (Congress from Pakistan) के लिए वोट की अपील कराने वाले कांग्रेसी की अब यह राजनीतिक हैसियत नहीं रह गई है कि वे वीर सावरकर को लेकर बार-बार अपनी कुत्सित मानसिकता का प्रदर्शन करें।
श्रीवास्तव ने कहा कि स्वातंत्र्यवीर सावरकर की पावन जयंती की बेला पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा वीर सावरकर को श्रद्धांजलि देते हुए किए गए ट्वीट पर कांग्रेस ने एक बार फिर वीर सावरकर को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करके एक खानदान की चाटुकारिता करके अपनी वैचारिक दरिद्रता का ही प्रदर्शन किया है।
श्रीवास्तव ने कहा कि साल 1923 में नाभा रियासत में गैर कानूनी ढंग से प्रवेश करने पर औपनिवेशिक शासन ने जवाहरलाल नेहरू को 2 साल की सजा सुनाई गई थी। तब नेहरू ने भी कभी भी नाभा रियासत में प्रवेश न करने का माफीनामा देकर दो हफ्ते में ही अपनी सजा माफ करवा ली थी। जो लेफ्ट लिबरल गैंग सावरकर के माफीनामे पर शोर मचाता है वह नेहरू के माफीनामे पर एकदम चुप्पी साध लेता है। इतना ही नहीं, जवाहर लाल के पिता मोती लाल नेहरू उन्हें रिहा कराने के लिए तत्कालीन वायसराय के पास सिफारिश लेकर भी पहुंच गए थे। पर नेहरू का ये माफीनामा वामपंथी गैंग की नजर में बॉन्ड था और सावरकर का माफीनामा कायरता थी!
श्रीवास्तव ने कहा कि वीर सावरकर जैसे महान क्रांतिकारी को कायर और अंग्रेजों के आगे घुटने टेकने वाला साबित करने की साजिश क्यों रची गई? दरअसल काले पानी की सजा काट रहे वीर सावरकर को इस बात का अंदाजा हो गया था कि सेल्युलर जेल की चारदीवारी में 50 साल की लंबी जिंदगी काटने से पहले की उनकी मौत हो जाएगी। ऐसे में देश को आजाद कराने का उनका सपना जेल में ही दम तोड़ देगा. लिहाजा एक रणनीति के तहत उन्होंने अंग्रेजों से रिहाई के लिए माफीनामा लिखा। इसी माफीनामे को आधार बनाकर सावरकर को कायर साबित करने की दम भर कोशिश वामपंथियों ने की।
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