मनरेगा अनियमितताओं को लेकर ईडी ने बंगाल में कई स्थानों पर की छापेमारी

By : hashtagu, Last Updated : February 6, 2024 | 1:22 pm

कोलकाता, 6 फरवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government) द्वारा ‘उपयोगिता प्रमाण पत्र’ जमा न करने के बारे में सीएजी के निष्कर्ष सामने आने के बीच, प्रवर्तन निदेशालय (Ed) के अधिकारियों ने मंगलवार को मनरेगा के तहत 100 दिन रोजगार योजना के कार्यान्वयन में अनियमितता के संबंध में विभिन्न जिलों में छापेमारी की और तलाशी अभियान चलाया।

नवीनतम उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वर्तमान में हुगली, झाड़ग्राम, मुर्शिदाबाद और उत्तर 24 परगना में चार स्थानों पर छापेमारी चल रही है।

  • सूत्रों ने कहा कि जैसे-जैसे दिन बीतता जाएगा, ईडी के अधिकारियों द्वारा छापेमारी और तलाशी अभियान की सूची में अन्य जिलों में और जगहें शामिल हो सकती हैं।
  • सूत्रों ने बताया कि चार स्थानों में से दो राज्य सरकार के दो अधिकारियों के आवास पर हैं, जो 100 दिन की नौकरी योजना के कार्यान्वयन की प्रक्रिया से जुड़े हुए हैं।
  • यह पता चला है कि ईडी के अधिकारी विशिष्ट शिकायतों और इनपुट के आधार पर 100-दिवसीय नौकरी योजना में पृष्ठभूमि की जांच कर रहे हैं। आवश्‍यक सबूत जमा करने के बाद ईडी के अधिकारियों ने मंगलवार सुबह से छापेमारी और तलाशी अभियान शुरू किया।
  • सूत्रों ने कहा कि फिलहाल जांच का फोकस इस बात पर है कि कैसे राज्य सरकार के कर्मचारियों के एक वर्ग के साथ-साथ कुछ राजनीतिक पदाधिकारियों ने फर्जी जॉब कार्ड बनाकर अनियमितताओं को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि ईडी की छापेमारी का समय बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्य विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो गया है और भाजपा की विधायी टीम उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा न करने के कैग के निष्कर्षों पर राज्य सरकार और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर हमला करने को तैयार है।

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और सीएजी निष्कर्षों पर चर्चा की। बजट सत्र पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर बैठक में शामिल होने के लिए अपनी नई दिल्ली यात्रा भी रद्द कर दी।

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