Air India क्रैश का इकलौता जिंदा बचे यात्री विश्वास कुमार का पहला बयान: “एक पल को लगा मैं भी मर जाऊंगा…”

हादसे के वक्त विश्वास इकोनॉमी क्लास की सीट 11A (खिड़की के पास, इमरजेंसी एग्जिट के पास) पर बैठे थे।

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  • Updated On - June 13, 2025 / 03:31 PM IST

अहमदाबाद: अहमदाबाद में गुरुवार को हुए Air India विमान हादसे में जहां 241 लोगों की जान चली गई, वहीं एकमात्र जीवित बचे यात्री विश्वास कुमार रमेश ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में उस भयावह क्षण को याद किया। 40 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक (भारतीय मूल) विश्वास ने बताया कि कैसे मौत को सामने से देखने के बाद भी वे बच निकले।

“मैं खुद यकीन नहीं कर पा रहा कि जिंदा हूं”

DD News से बात करते हुए, अस्पताल के बेड से विश्वास ने बताया, “एक पल को लगा कि मैं भी मर जाऊंगा। आंखें खोलीं तो चारों ओर मलबा था… लेकिन मैं जिंदा था। अभी तक समझ नहीं आ रहा कि मैं कैसे बच गया।”

हादसे के वक्त विश्वास इकोनॉमी क्लास की सीट 11A (खिड़की के पास, इमरजेंसी एग्जिट के पास) पर बैठे थे। उनके अनुसार, विमान ने जैसे ही उड़ान भरी, 5 से 10 सेकंड के भीतर ऐसा लगा मानो प्लेन हवा में फंस गया हो। “लाइटें हिलने लगीं – हरी और सफेद। फिर प्लेन किसी इमारत से टकरा गया,” उन्होंने बताया।

“मैं मलबे से बाहर चलकर निकला”

वह बताते हैं कि विमान का वह हिस्सा जिसमें वे बैठे थे, सीधे जमीन पर गिरा, जबकि बाकी विमान एक इमारत की छत पर क्रैश हो गया। “जब मैंने आपातकालीन दरवाजा देखा, तो बाहर निकलने की कोशिश की… और मैं निकल आया। शायद जो लोग दूसरी ओर थे, वे बाहर नहीं आ सके,” उन्होंने कहा।

हाथ झुलस गया, आंखों के सामने मौत देखी

हादसे के तुरंत बाद लगी आग में विश्वास का बायां हाथ झुलस गया। दर्द भरे लहजे में उन्होंने बताया, “मैंने अपनी आंखों के सामने लोगों को मरते देखा – एयर होस्टेस, मेरे पास बैठे दो लोग… मैं मलबे से बाहर खुद चलकर निकला।”

फ्लाइट में थे 230 यात्री और 12 क्रू सदस्य

Air India के मुताबिक, विमान में 230 यात्री और 12 क्रू सदस्य सवार थे। इनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे। विमान टेकऑफ के 33 सेकंड बाद अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास मेघाणी नगर क्षेत्र में इमारतों से टकरा गया।