रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर (Former minister Mohammad Akbar) ने बीजेपी को चैलेंज किया है। कवर्धा में एक भी रोहिंग्या मुस्लिम हो तो मुझे दिखा दें। उन्होंने कहा कि ये तो बस राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस के तुष्टीकरण की राजनीति करने के आरोप पर अकबर ने कहा कि चुनाव जीतने के लिए इस झूठी कहानी (BJP Tall Story) का सहारा लेते हैं और इस बार भी यही हुआ। अकबर बोले ईवीएम पर अपनी पार्टी के नेताओं के रुख का इंतजार कर रहा हूं। निर्वाचन क्षेत्र में सांप्रदायिक राजनीति काम नहीं करती।
चुनाव में बीजेपी के सांप्रदायिक कार्ड का इस्तेमाल करने पर अकबर ने कहा कि उन पर प्रतिक्रिया न देना ही बेहतर है। मैं अपनी राजनीति की शैली नहीं बदलूंगा। जो कि धर्मनिरपेक्ष है। मैं अपने काम को लेकर आश्वस्त हूं और नहीं मानता कि सांप्रदायिक राजनीति कोई मुद्दा बनेगी। पाटन के बाद कवर्धा में काफी विकास हुआ। लोग ही निर्णय लेते हैं कि किस मुद्दे को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
इस बार मोहम्मद अकबर भाजपा के विजय शर्मा से 39,592 वोटों से हारे हैं। जिस पर उन्होंने ईवीएम पर संदेह जताया है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में ईवीएम को लेकर खूब हंगामा हो रहा है। हालांकि इसकी कार्यप्रणाली पर संदेह है, लेकिन अगर हम अभी मुद्दा उठाएंगे तो लोग हमसे तेलंगाना की जीत के बारे में सवाल करेंगे।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में पार्टी हाईकमान के साथ समीक्षा बैठक में मेरे साथियों ने ईवीएम का मुद्दा उठाया और इस पर चर्चा शुरू हुई। हम लोकसभा चुनावों के लिए मतपत्रों को वापस लाने की मांग कर सकते हैं। हमने अपने घोषणापत्र और अपनी सरकार द्वारा किये गये कार्यों पर भी विस्तार से चर्चा की। नेतृत्व ने हमें लोकसभा चुनाव पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है।
अकबर ने कहा कि मैं हार के लिए किसी को दोष नहीं देना चाहता। मैंने राज्य में चौथा सबसे ज्यादा वोट हासिल किया। इस बार 1.05 लाख मिले (2018 में अकबर को 1.36 लाख वोट मिले, जबकि भाजपा उम्मीदवार को 77,000 वोट मिले)। उन्होंने कहा कि भविष्य में मैं मतदाताओं को यह समझाने की कोशिश करूंगा कि वोट देते समय उनकी प्राथमिकताएं विकास और भाईचारा होनी चाहिए।
कांग्रेस को इस बार छत्तीसगढ़ से 60-75 सीटें मिलने की उम्मीद थी, लेकिन पार्टी 35 सीटों पर सिमट गई। अकबर ने कहा कि मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि हम हार गये। छत्तीसगढ़ के लिए पहली बार सभी एग्जिट पोल पूर्वानुमान गलत निकले। नुकसान के कई कारण हैं।
हमारी सरकार ने कृषि ऋण माफी, यूनिवर्सल राशन कार्ड और धान खरीद जैसे कई अच्छे काम किए, जो भारत में सबसे ज्यादा थे। इसके अलावा हमारा घोषणापत्र भाजपा से बेहतर था। हालांकि वे फिर भी जीत गए। आगे देखें कि क्या वे अपने वादे निभाते हैं। खासकर 3100 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से 21 क्विंटल तक धान ख़रीदी का वादा।
भाजपा ने इस चुनाव में रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर कवर्धा में झूठ फैलाया, कहा गया कि बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुसलमानों को अवैध रूप से कवर्धा में बसाया गया है।
अब छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार है, मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि भाजपा बताए कितने रोहिंग्या मुसलमान बसाए गए, उन्हें… pic.twitter.com/wM0C6xsL7l— INC Chhattisgarh (@INCChhattisgarh) December 19, 2023
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