हाईकोर्ट ने निगम से पूछा-कलेक्टर की ‘रिपोर्ट’ के बाद भी अवैध ‘कब्जा’ क्यों नहीं हटाया ?… जानिए, रायपुर निगम की लापरवाही
By : hashtagu, Last Updated : July 23, 2024 | 2:07 pm
- दरअसल, छत्तीसगढ़ अधिकार आंदोलन समिति ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें बताया गया है कि अमलीडीह में स्थित नहर की जमीन को साल 2006 में रायपुर नगर निगम को सौंप दी गई थी। तब इस नहर की चौड़ाई 40 फीट थी। नहर के करीब 35 फीट पर कुछ बिल्डरों ने कब्जा कर दीवार बना लिया था।
पानी निकासी के लिए केवल 5 फीट जगह बची
नहर में पानी निकासी के लिए केवल 5 फीट जगह बच गई। इसके साथ ही अमलीडीह में ही एक नाले के करीब 17 हजार वर्ग फीट हिस्से को पाटकर बिल्डरों ने निर्माण कर लिया। वहीं, नहर की ही जमीन पर निजी लोगों ने भी मकान बना लिया।
निगम और कलेक्टर ने नहीं लिया एक्शन
सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने के खिलाफ छत्तीसगढ़ अधिकार आन्दोलन समिति ने कलेक्टर और नगर निगम से शिकायत की, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। तब समिति ने एडवोकेट बदरुद्दीन खान के माध्यम से हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की।
- शासन ने कहा- कलेक्टर ने दी थी रिपोर्ट
इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य शासन सहित सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। सोमवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान शासन की ओर से बताया गया कि कलेक्टर ने स्वयं इस बारे में रिपोर्ट दी थी कि अवैधानिक अतिक्रमण हुआ है इसे हटाया जाए। इस पर कोर्ट ने नगर निगम के वकील से यह जवाब मांगा है कि कलेक्टर की रिपोर्ट के बाद भी बेजा कब्जा क्यों नहीं हटाया गया।
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