कोलकाता, 30 अगस्त (आईएएनएस)। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ रेप और हत्या मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को एक बार फिर से पत्र लिखा (Wrote a letter once again to Prime Minister Modi) है।
उन्होंने इस बात की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में पत्र के चित्र को शेयर करके दी। इससे पहले वह 22 अगस्त को भी प्रधानमंत्री को एक पत्र लिख चुकी हैं।
अपने इस पत्र में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने 22 अगस्त के पत्र का हवाला देते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से उन्हें उनके पत्र का कोई जवाब नहीं मिला है, जिसमें उन्होंने बलात्कार की घटनाओं पर सख्त केंद्रीय कानून बनाने और अपराधियों को कड़ी सजा देने की आवश्यकता पर चर्चा की थी।
हालांकि उन्होंने अपने इस पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि उनके इस पत्र का जवाब राष्ट्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार की तरफ से दिया गया है।
उन्होंने अपने पत्र में आगे प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के मुद्दों पर किए गए कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों (एफटीसी) के संबंध में, राज्य सरकार द्वारा 10 विशेष पॉक्सो न्यायालयों की मंजूरी दी गई है। इसके अतिरिक्त, राज्य भर में 88 एफटीसी और 62 पॉक्सो निर्दिष्ट न्यायालय पूरी तरह से राज्य वित्तपोषण पर कार्यरत हैं। मामलों की निगरानी और इससे निपटना पूरी तरह से न्यायालयों के हाथ में है।”
इसके अलावा उन्होंने पूरे राज्य में राज्य मशीनरी के लोगों के लिए काम करने की बात करते हुए केंद्र से महिलाओं के साथ रेप और हत्या जैसे घृणित अपराधों पर ऐसे कानून बनाने की मांग की, जिससे एक नजीर पेश हो। उन्होंने कहा, “मैं अनुरोध करती हूं कि बलात्कार और हत्या जैसे घृणित अपराधों पर एक सख्त केंद्रीय कानून और दंड पर विचार करें, जिससे समाज में एक नजीर पेश हो। इन मामलों में ट्रायल प्राधिकरण द्वारा मामलों के निपटान के लिए एक विशिष्ट समय सीमा का अनिवार्य प्रावधान किया जाए।”
बता दें, इससे पहले 22 अगस्त को ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने दुष्कर्म जैसे वीभत्स मामलों में संलिप्त आरोपियों के लिए 15 दिन के भीतर कठोर सजा के लिए कानून बनाने और महिलाओं को सुरक्षित माहौल प्रदान करने की मांग की थी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने पत्र में लिखा था कि पूरे देश में बलात्कार के मामले नियमित रूप से सामने आते हैं। कई मामलों में हत्या के साथ बलात्कार भी होते हैं। देश में प्रतिदिन लगभग 90 बलात्कार के मामले समाज और राष्ट्र के आत्मविश्वास और विवेक को झकझोर देते हैं। महिलाएं सुरक्षित महसूस करें, इसके लिए “ऐसे नृशंस अपराधों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ अनुकरणीय दंड का प्रावधान करने वाले कड़े केंद्रीय कानून” हों और ऐसे मामलों में त्वरित सुनवाई के लिए फास्ट-ट्रैक विशेष अदालतों की स्थापना पर भी विचार किया जाना चाहिए ताकि सुनवाई 15 दिन के भीतर पूरी की जा सके।