मोदी सरकार ने गिनाई दस सालों में रेलवे की उपलब्धियां, भारत ‘दुनिया’ का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क

मोदी सरकार (Modi government) ने 10 साल में रेलवे में किए गए बड़े काम और उपलब्धियों का ब्योरा जारी किया है, जिसमें बताया गया

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  • Updated On - February 8, 2024 / 10:25 PM IST

नई दिल्ली, 8 फरवरी (आईएएनएस)। मोदी सरकार (Modi government) ने 10 साल में रेलवे में किए गए बड़े काम और उपलब्धियों का ब्योरा जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क (Fourth largest railway network) है। भारतीय रेलवे से प्रतिदिन दो करोड़ यात्री और सालाना 800 करोड़ यात्री सफर करते हैं। रेलवे द्वारा 1,200 यात्री एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन किया जाता है।

  • मोदी सरकार ने बताया है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 151 करोड़ टन (1,512 मिलियन टन) कार्गो रेलवे ने लोड किया है। सरकार ने दिए गए आंकड़ों में बताया है कि 2022-23 में स्विट्जरलैंड रेलवे के बराबर रेल नेटवर्क को 5,243 किलोमीटर जोड़ा गया है और 9 वर्षों (2014-23) में जर्मन रेलवे के बराबर 25,434 किमी जोड़ा गया है। साथ ही 2004-05 के लिए रेलवे बजट 8,000 करोड़ और 2013-14 के लिए यह 29,055 करोड़ रखा गया था। इसके बाद इसे बढ़ाकर वर्ष 2023-24 के लिए 2.4 लाख करोड़ कर दिया गया है।

रेलवे बजट में 2004-05 की तुलना में 30 गुना वृद्धि हुई है। मोदी सरकार के मुताबिक नई रेलवे लाइन पर भी इस सरकार में काम खूब काम हुआ है, जिसमें 2004-14 के दौरान 14,985 रूट किलोमीटर रेल ट्रैक का काम किया गया। पिछले 9 वर्षों (2014-23) में 25,871 रूट किलोमीटर ट्रैक बिछाने का काम किया गया है। यह नई रेलवे लाइनों में 75 प्रतिशत की वृद्धि है।

  • वर्ष 2022-23 में प्रतिदिन 14 किमी ट्रैक बिछाया गया और इस वर्ष 16 किमी प्रतिदिन ट्रैक बिछाने का लक्ष्य है। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 2014 के बाद से रेलवे विद्युतीकरण परियोजनाओं पर खर्च की गई राशि 5 गुना (375 प्रतिशत से अधिक) बढ़ गई है। साथ ही अमृत भारत योजना के तहत अब तक विकास के लिए 1,309 स्टेशनों की पहचान की गई है।
  • हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी। 24,470 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 508 स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा।

सरकार के मुताबिक अब तक 35 वंदे भारत ट्रेन शुरू की जा चुकी है। पिछले पांच वर्षों में सितंबर 2023 तक भारतीय रेलवे द्वारा 2.94 लाख से अधिक रिक्तियां भरी गई। रेल मंत्रालय ने रुपये की लागत से दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) का निर्माण शुरू किया है। 2,513 किलोमीटर की कमीशनिंग के लिए 1.09 लाख करोड़, कवच को 1,465 रूट किमी और 139 लोकोमोटिव पर तैनात किया गया है।

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