एनएमसी ने मेडिकल कॉलेजों व संस्थानों को जारी की एडवाइजरी, सुरक्षित माहौल बनाने की अपील

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के निर्देशों का पालन करते हुए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने मंगलवार को सभी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों को

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  • Updated On - August 13, 2024 / 11:17 PM IST

नई दिल्ली, 13 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा (Union Health Minister JP Nadda) के निर्देशों का पालन करते हुए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने मंगलवार को सभी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों को एडवाइजरी जारी की। इसमें डॉक्टरों के लिए सुरक्षित कामकाजी माहौल सुनिश्चित करने की अपील की गई है। एनएमसी की ओर से यह एडवाइजरी (Advisory from NMC) बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला के साथ हुए यौन उत्पीड़न और हत्या के बाद आई है।

एडवाइजरी में कहा गया है कि हाल के दिनों में मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। सभी मेडिकल कॉलेजों से अनुरोध है कि वे डॉक्टरों के लिए कॉलेज और अस्पताल परिसर में सुरक्षित कार्य वातावरण विकसित करें। नीति में ओपीडी, वार्ड और कमरों में पर्याप्त सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाने चाहिए। कर्मचारियों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर सुरक्षित रूप से चलने के लिए शाम के समय गलियारों और परिसर में अच्छी रोशनी होनी चाहिए और निगरानी के लिए सभी संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरा होना चाहिए।”

एडवाइजरी में कहा गया है कि पर्याप्त सुरक्षा उपायों के मद्देनजर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल परिसर के विभिन्न क्षेत्रों जैसे ओपीडी, वार्ड, कैजुअल्टी, लेबर रूम, छात्रावास, आवासीय कमरों और अन्य खुले स्थानों में पर्याप्त सुरक्षा कर्मियों (पुरुष और महिला दोनों) की तैनाती होनी चाहिए।

एडवाइजरी में मेडिकल छात्रों के खिलाफ किसी भी हिंसा की स्थिति में कॉलेज प्रबंधन द्वारा तत्काल जांच करने और पुलिस एफआईआर दर्ज करने की बात कही गई है। साथ ही किसी भी घटना पर व्यापक कार्रवाई रिपोर्ट घटना के 48 घंटे के भीतर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को प्रस्तुत की जानी चाहिए।

बता दें कि पिछले दिनों कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल की महिला डॉक्टर रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाई गई। वह अस्पताल में स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा थीं और चेस्ट मेडिसिन विभाग में हाउस स्टाफ के रूप में भी काम कर रही थीं। अस्पताल के कर्मचारियों ने अस्पताल की आपातकालीन बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर उनका शव देखा था।

प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ले जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

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