PM मोदी ने ‘मां बम्लेश्वरी’ धाम में टेका मत्था! जैन मुनि से लिए आशीर्वाद
By : hashtagu, Last Updated : November 5, 2023 | 1:48 pm
मोदी अपने निजी दौरे पर डोंगरगढ़ पहुंचें थे। बम्लेश्वरी मंदिर में पंडितों ने मंत्रोच्चार के साथ पूजन कराया। आम लोगों की एंट्री पूरी तरह से प्रतिबंधित थी। वहीं पीएम को देखने की उत्सुकता में लोग रेलवे ट्रैक के पास मंदिर तक पहुंच गए। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। पीएम ने मंदिर की सीढ़ी पर खड़े होकर लोगों का अभिवादन किया। पीएम करीब एक घंटे मंदिर में रहे
डोंगरगढ़ में करीब 100 करोड़ की लागत से जैन मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। बम्लेश्वरी मां के दर्शन से पहले पीएम मोदी चंद्रगिरी में जैन मुनि से मिलने पहुंचे। बताया जा रहा है कि मोदी ने आचार्य विद्यासागर से मेडिटेशन सहित अन्य मामलों पर बात की। इसके बाद पीएम हेलीकॉप्टर से मां बम्लेश्वरी मंदिर पहुंचे और दर्शन के बाद एमपी के सिवनी के लिए उड़ान भरी।
पहले रायपुर एयरपोर्ट पर पहुंचे पीएम मोदी
पीएम मोदी रविवार को दिल्ली से सीधे रायपुर एयरपोर्ट पर पहुंचे और फिर हेलिकॉप्टर से डोंगरगढ़ के प्रज्ञागिरी हेलीपैड पर लैंड किया। वहां से चंद्रगिरी तक वे विशेष कार से गए और आचार्य विद्यासागर महाराज के दर्शन कर आशीर्वाद लिया।
प्रधानमंत्री के आने की खबर मिलने के बाद शनिवार को प्रशासन ने अपनी तैयारी शुरू कर दी थी। हालांकि तय समय 11 बजे से पीएम करीब आधे घंटे पहले ही डोंगरगढ़ पहुंच गए। पीएम केवल दर्शन के लिए डोंगरगढ़ पहुंचे थे। ऐसे में उस समय सभी का प्रवेश बंद था। सुरक्षा को लेकर जवान तीर्थ क्षेत्र में तैनात किए गए थे।
चातुर्मास कर रहे हैं आचार्य विद्यासागर
आचार्य विद्यासागर चंद्रगिरी में चातुर्मास कर रहे हैं और देश भर में पैदल विहार करते हैं। वे जुलाई में अमरकंटक से डोंगरगढ़ पहुंचे थे और चातुर्मास चंद्रगिरी में करने का निर्णय लिया। आचार्य विद्यासागर 77 वर्ष की उम्र में भी पैदल विहार करते हैं। संत जीवन के 50 वर्ष पूरे होने पर संयम स्वर्ण महोत्सव डोंगरगढ़ में ही मनाया गया था। इसके बाद आचार्य देश के अन्य जैन तीर्थ क्षेत्रों में विहार कर फिर से डोंगरगढ़ पहुंचे।
करीब 100 करोड़ की लागत से बन रहा चंद्रप्रभु का मंदिर
चंद्रगिरी तीर्थ परिसर में करीब 100 करोड़ की लागत से पहाड़ के ऊपर विशालकाय मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है। मंदिर के शिखर का निर्माण कार्य तेजी पर है, इसलिए संभावना जताई जा रही है कि फरवरी में मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। यहां पर चंद्रप्रभु की विशालकाय प्रतिमा स्थापित की जाएगी। चंद्रगिरी छत्तीसगढ़ का प्रथम जैन तीर्थ होगा।
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