नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस)। देश भर में लोकसभा चुनाव का मौसम चल रहा है। लोकसभा चुनाव के सात में से छह चरणों के लिए मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। ऐसे में लोकसभा चुनाव की व्यस्तता के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने समय निकालकर आईएएनएस की टीम (IANS team) के साथ बातचीत की।
उन्होंने देश, राजनीति, भ्रष्टाचार सहित तमाम मुद्दों पर अपनी बात रखी। पीएम मोदी ने अपने इस साक्षात्कार में आईएएनएस की टीम की जमकर तारीफ की और कहा कि इतने कम समय में आईएएनएस की टीम ने लोगों के बीच अपनी अच्छी जगह बनाई है और एक प्रकार से ग्रासरूट लेवल की जो बारीक-बारीक जानकारियां हैं। वह शायद आपके माध्यम से जल्द पहुंचती है। ऐसे में यह पूरी टीम बधाई की पात्र है।
उन्होंने आगे कहा कि मैं नहीं जानता हूं कि कुछ ही लोग हैं जिनको हमारे साथ दुश्मनी रखने वाले लोग क्यों पसंद करते हैं, कुछ ही लोग हैं, जिनके समर्थन में आवाज वहां से क्यों उठती है। अब यह बहुत बड़ी जांच-पड़ताल का गंभीर विषय है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि मुझे नहीं लगता है कि जिस पद पर मैं बैठा हूं, वहां से ऐसे विषयों पर कोई कमेंट करना चाहिए। लेकिन, मैं आपकी चिंता समझ सकता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि पहले जो लोग कहते थे कि सोनिया गांधी को जेल में बंद कर दो, फलाने को जेल में बंद कर दो और अब वही लोग चिल्लाते हैं। इसके अलावा उन्होंने भ्रष्टाचार को लेकर जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर भी अपनी राय रखी।
भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम तेज करने के आईएएनएस के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लोग भ्रष्टाचार से तंग आ चुके हैं। दीमक की तरह भ्रष्टाचार देश की सारी व्यवस्थाओं को खोखला कर रहा है। भ्रष्टाचार के लिए आवाज भी बहुत उठती है। जब मैं 2013-14 में चुनाव के समय भाषण करता था और मैं भ्रष्टाचार की बातें बताता था तो लोग अपना रोष व्यक्त करते थे। लोग चाहते थे कि हां कुछ होना चाहिए। अब हमने आकर सिस्टमैटिकली उन चीजों को करने पर बल दिया कि सिस्टम में ऐसे कौन से दोष हैं, अगर देश पॉलिसी ड्रिवन है, ब्लैक एंड व्हाइट में चीजें उपलब्ध हैं कि भई ये कर सकते हो, ये नहीं कर सकते हो। ये आपकी लिमिट है, इस लिमिट के बाहर जाना है तो आप नहीं कर सकते हो कोई और करेगा, मैंने उस पर बल दिया।
ये बात सही है, लेकिन, ग्रे एरिया मिनिमल हो जाता है जब ब्लैक एंड व्हाइट में पॉलिसी होती है और उसके कारण डिस्क्रिमिनेशन के लिए कोई संभावना नहीं होती है, तो हमने एक तो पॉलिसी ड्रिवेन गवर्नेंस पर बल दिया। दूसरा हमने स्कीम्स के सैचुरेशन पर बल दिया कि 100 प्रतिशत जो स्कीम जिसके लिए है, उन लाभार्थियों को 100 प्रतिशत… जब 100% है तो लोगों को पता है मुझे मिलने ही वाला है तो वो करप्शन के लिए कोई जगह ढूंढेगा नहीं।
करप्शन करने वाले भी कर नहीं सकते क्योंकि वो कैसे-कैसे कहेंगे, हां हो सकता है कि किसी को जनवरी में मिलने वाला मार्च में मिले या अप्रैल में मिले, ये हो सकता है। लेकिन, उसको पता है कि मिलेगा और मेरे हिसाब से सैचुरेशन, करप्शन फ्री गवर्नेंस की गारंटी देता है। सैचुरेशन सोशल जस्टिस की गारंटी देता है। सैचुरेशन सेकुलरिज्म की गारंटी देता है। ऐसे त्रिविध फायदे वाली हमारी दूसरी स्कीम, तीसरा मेरा प्रयास रहा कि मैक्सिमम टेक्नोलॉजी का उपयोग करना। टेक्नोलॉजी में भी… क्योंकि रिकॉर्ड मेंटेन होते हैं, ट्रांसपेरेंसी रहती है।
पीएम मोदी ने आगे भ्रष्टाचार को लेकर कहा कि जहां तक करप्शन का सवाल है, देश में पहले क्या आवाज उठती थी कि भई करप्शन तो हुआ, लेकिन, उन्होंने किसी छोटे आदमी को सूली पर चढ़ा दिया। सामान्य रूप से मीडिया में भी चर्चा होती थी कि बड़े-बड़े मगरमच्छ तो छूट जाते हैं, छोटे-छोटे लोगों को पकड़कर आप चीजें निपटा देते हो। फिर एक कालखंड ऐसा आया कि हमें पूछा जाता था 2019 के पहले कि आप तो बड़ी-बड़ी बातें करते थे, क्यों कदम नहीं उठाते हो, क्यों अरेस्ट नहीं करते हो, क्यों लोगों को ये नहीं करते हो।
उन्होंने कहा कि पहले आप ही कहते थे, छोटों को पकड़ते हो, बड़े छूट जाते हैं। जब सिस्टम ईमानदारी से काम करने लगा, बड़े लोग पकड़े जाने लगे, तब आप चिल्लाने लगे हो। दूसरा पकड़ने का काम एक इंडिपेंडेंट एजेंसी करती है। उसको जेल में रखना कि बाहर रखना, उसके ऊपर केस ठीक है या नहीं है, ये न्यायालय तय करता है, उसमें मोदी का कोई रोल नहीं है, इलेक्टेड बॉडी का कोई रोल नहीं है, लेकिन, आजकल मैं हैरान हूं। दूसरा जो देश के लिए चिंता का विषय है, वो भ्रष्ट लोगों का महिमामंडन है।
उन्होंने देश, राजनीति, भ्रष्टाचार सहित तमाम मुद्दों पर अपनी बात रखी। पीएम मोदी ने अपने इस साक्षात्कार में आईएएनएस की टीम की जमकर तारीफ की और कहा कि इतने कम समय में आईएएनएस की टीम ने लोगों के बीच अपनी अच्छी जगह बनाई है और एक प्रकार से ग्रासरूट लेवल की जो बारीक-बारीक जानकारियां हैं। वह शायद आपके माध्यम से जल्द पहुंचती है। ऐसे में यह पूरी टीम बधाई की पात्र है।
उन्होंने आगे कहा कि मैं नहीं जानता हूं कि कुछ ही लोग हैं जिनको हमारे साथ दुश्मनी रखने वाले लोग क्यों पसंद करते हैं, कुछ ही लोग हैं, जिनके समर्थन में आवाज वहां से क्यों उठती है। अब यह बहुत बड़ी जांच-पड़ताल का गंभीर विषय है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि मुझे नहीं लगता है कि जिस पद पर मैं बैठा हूं, वहां से ऐसे विषयों पर कोई कमेंट करना चाहिए। लेकिन, मैं आपकी चिंता समझ सकता हूं।
पीएम मोदी ने कहा हमारे देश में जो नैरेटिव गढ़ने वाले लोग हैं, उन्होंने देश का इतना नुकसान किया। मेरी प्राथमिकता है कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत देश के टैलेंट को अवसर मिले।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में जो नैरेटिव गढ़ने वाले लोग हैं, उन्होंने देश का इतना नुकसान किया। पहले चीजें बाहर से आती थी तो कहते थे देखिए देश को बेच रहे हैं, सब बाहर से लाते हैं। आज जब देश में बन रहा है तो कहते हैं देखिए ग्लोबलाइजेशन का जमाना है और आप लोग अपने ही देश की बातें करते हैं। मैं समझ नहीं पाता हूं कि देश को इस प्रकार से गुमराह करने वाले इन एलिमेंट्स से देश को कैसे बचाया जाए। दूसरी बात है अगर अमेरिका में कोई कहता है ‘Be American By American’, उस पर तो हम सीना तानकर गर्व करते हैं। लेकिन, मोदी कहता है ‘वोकल फॉर लोकल’ तो लोगों को लगता है कि ये ग्लोबलाइजेशन के खिलाफ है। तो, इस प्रकार से लोगों को गुमराह करने वाली ये प्रवृत्ति चलती है।
उन्होंने आगे कहा कि जहां तक भारत जैसा देश जिसके पास मैनपावर है, स्किल्ड मैनपावर है। अब मैं ऐसी तो गलती नहीं कर सकता कि गेहूं एक्सपोर्ट करूं और ब्रेड इम्पोर्ट करूं। मैं तो चाहूंगा मेरे देश में ही गेहूं का आटा निकले, मेरे देश में ही गेहूं का ब्रेड बने। मेरे देश के लोगों को रोजगार मिले तो मेरा ‘आत्मनिर्भर भारत’ का जो मिशन है, उसके पीछे मेरी पहली जो प्राथमिकता है कि मेरे देश के टैलेंट को अवसर मिले।
उन्होंने कहा कि जो पुरानी सोच है कि वह घर में अपने पहले पांच थे तो अब 7 में जाएंगे, सात थे तो नौ में जाएंगे, ऐसा नहीं है। वह पांच से भी सीधा 100 पर जाना चाहता है। आज का युवा हर क्षेत्र में बड़ा जंप लगाना चाहता है। हमें वह लॉन्चिंग पैड क्रिएट करना चाहिए, ताकि हमारे यूथ की आकांक्षा को हम पूरा कर सकें। इसलिए, हमें यूथ को समझना चाहिए।
पीएम मोदी ने आगे कहा, “मैं ‘परीक्षा पर चर्चा’ करता हूं और मैंने देखा है कि मुझे लाखों युवकों से ऐसे बात करने का मौका मिलता है जो ‘परीक्षा पर चर्चा’ तो करते हैं। लेकिन, वह मेरे साथ 10 साल के बाद की बात भी करते हैं। मतलब वह एक नई जनरेशन है। अगर सरकार और सरकार की लीडरशिप इस नई जनरेशन की आकांक्षा को समझने में विफल हो गई तो बहुत बड़ी गैप हो जाएगी।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि इसलिए हमने कोविड के काल में डेटा एकदम सस्ता कर दिया। उस समय मेरा डेटा सस्ता करने के पीछे तर्क था। युवा आसानी से इंटरनेट का उपयोग करते हुए नई दुनिया की तरफ मुड़ें और वह हुआ। उसका हमें फायदा हुआ है। भारत ने कोविड की मुसीबतों को अवसर में बदलने में बहुत बड़ा रोल प्ले किया है और आज जो डिजिटल रिवॉल्यूशन आया है, फिनटेक का जो रिवॉल्यूशन आया है, वह हमने आपदा को अवसर में पलटा उसके कारण आया है तो मैं टेक्नोलॉजी के सामर्थ्य को समझता हूं। मैं टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना चाहता हूं।
उन्होंने कहा कि आज अगर यूपीआई न होता तो कोविड की लड़ाई हम कैसे लड़ते? दुनिया के समृद्ध देश भी अपने लोगों को पैसे होने के बावजूद भी नहीं दे पाए। फिनटेक में भारत अब लीड कर रहा है।
उन्होंने कहा कि आज हम 11 करोड़ किसानों को 30 सेकेंड के अंदर पैसा भेज सकते हैं। अब यूपीआई इतनी यूजर फ्रेंडली है क्योंकि यह टैलेंट हमारे देश के नौजवानों में है। वो ऐसे प्रोडक्ट बना करके देते हैं कि कोई भी कॉमन मैन इसका उपयोग कर सकता है। यूपीआई ने एक प्रकार से फिनटेक की दुनिया में बहुत बड़ा रोल प्ले किया है और इसके कारण इन दिनों भारत के साथ जुड़े हुए कई देश यूपीआई से जुड़ने को तैयार हैं, क्योंकि अब फिनटेक का युग है। फिनटेक में भारत अब लीड कर रहा है और इसलिए दुर्भाग्य तो इस बात का है कि जब मैं इस विषय की चर्चा कर रहा था तब देश के बड़े-बड़े विद्वान जो पार्लियामेंट में बैठे हैं, वह इसका मखौल उड़ाते थे, मजाक उड़ाते थे, उनको भारत के पोटेंशियल का अंदाजा नहीं था और टेक्नोलॉजी के सामर्थ्य का भी अंदाजा नहीं था।
पीएम मोदी ने अपने साक्षात्कार में कहा, ”भारत विविधताओं से भरा हुआ है और कोई देश एक पिलर पर बड़ा नहीं हो सकता है। ऐसे में मैंने एक मिशन लिया देश के हर जिले को आगे बढ़ाने का, ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ पर बल दिया क्योंकि भारत इतना विविधता भरा देश है, हर डिस्ट्रिक्ट के पास अपनी अलग ताकत है।”
मेरे देश में इतना पोटेंशियल है, मेरे देश को जानिए और समझिए और इस बार हमने जी-20 का उपयोग विश्व के अंदर भारत की पहचान बनाने के लिए किया। दुनिया की भारत के प्रति जानने की इच्छा बढ़े, इसमें हमने बड़ी सफलता पाई है, क्योंकि दुनिया के करीब एक लाख नीति निर्धारक ऐसे लोग जी-20 समूह की 200 से ज्यादा बैठकों में आए। वह अलग-अलग जगह पर गए। उन्होंने इन जगहों को देखा, सुना भी नहीं था। इसे उन्होंने यहां देखा और वो अपने देश के साथ इसको कोरिलेट करने लगे। वो वहां जाकर इसके बारे में बातें करने लगे। मैं देख रहा हूं जी-20 के कारण लोग आजकल काफी टूरिस्टों को यहां भेज रहे हैं। जिसके कारण हमारे देश के टूरिज्म को बढ़ावा मिला।
उन्होंने आगे कहा कि आज यूट्यूब की दुनिया पैदा हुई तो मैंने उनसे जुड़े लोगों को बुलाया। उनसे पूछा कि आप देश की क्या मदद कर सकते हैं। इंफ्लुएंसर को बुलाया, क्रिएटिव वर्ल्ड, गेमिंग, अब देखिए दुनिया का इतना बड़ा गेमिंग मार्केट है। भारत के लोग इन्वेस्ट कर रहे हैं, पैसा लगा रहे हैं और गेमिंग की दुनिया में कमाई कोई और करता है तो मैंने सारे गेमिंग के एक्सपर्ट को बुलाया। पहले उनकी समस्याएं समझी।
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