रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने विधायकों (बिल) मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद कहा कि, यह सभी राज्यपालों के लिए है। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल इससे अलग नहीं हैं। बघेल ने कहा कि,टिप्पणी के बाद ही सही, पर राज्यपाल महोदय को इस पर संज्ञान लेना चाहिए।
भूपेश ने कहा कि, राज्यपाल को जो भी उस पर लिखना है, वापस करना है या स्वीकृति करना है, उसको करें। दरअसल, लंबित विधेयकों के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिन पहले कहा कि राज्यपाल के पास संवैधानिक ताकत होती है, लेकिन इसका इस्तेमाल राज्य सरकार के कानून बनाने के अधिकार को कुंद बनाने के लिए नहीं कर सकते।
अजय चंद्राकर (Ajay Chandrakar) के सचिवालय पर अवैध कब्जे वाले बयान पर भी सीएम ने भाजपा पर निशाना साधा है। बघेल ने कहा कि, मध्यप्रदेश के बालाघाट में कलेक्टर ने बैलट पेपर खुलवा दिया। बीजेपी यहां हल्ला कर रही है। वे अधिकारियों और कर्मचारियों पर दबाव बना रहे हैं। ED-IT का इतना दबाव है, उससे बड़ा किसी का नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि, बालाघाट में जो हुआ उसके बारे में बीजेपी के लोग बता दें कि वह किस के दबाव में किया गया है। पूरा स्ट्रॉन्ग रूम खुलवा लिया, बैलट पेपर खुलवा लिया। वहां बैलट पेपर खुल रहे हैं और ये बिलासपुर में शिकायत करने पहुंचे हैं। यह पहले अपने बारे में तो बताएं।
भूपेश बघेल ने कहा कि तेलंगाना में बीआरएस की मदद भाजपा कर रही है। वहां पीएम और एसीएम घूम रहे हैं, क्योंकि वहां बीजेपी का कुछ है नहीं। इतना कार्यक्रम क्यों ले रहे हैं? इसलिए ताकि हर विधानसभा में 5-10 हजार वोट काट लें और बीआरएस को फायदा हो सके। ये सब उनका षड्यंत्र है और तेलंगाना के लोग इस बात को जान चुके हैं।
उप राष्ट्रपति जगदीप धनकड़ के महापुरुष और युग पुरुष वाले बयान पर सीएम बघेल ने कहा वो बिल्कुल सही कह रहे हैं। आजादी की लड़ाई में गुजरात से दो सपूत निकले, महात्मा गांधी और सरदार पटेल के रूप में, जिन्होंने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी। आजादी के बाद विभिन्न रियासतों को एक करने का काम किया। उनके योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। चार लोग निकले हैं दो बेचने वाले, दो खरीदने वाले।
पिछली बार भी किसानों ने धान नहीं भेजा था। वो इंतजार कर रहे थे कि रिजल्ट आए। जब रिजल्ट आया तो उसके बाद उन्होंने धान बेचा। इस बार भी क्योंकि ऋण माफी की बात है, 20 क्विंटल तो है ही और 3200 में खरीदना है तो लोग इंतजार कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को लेकर भूपेश ने कहा 5 साल हमने छत्तीसगढ़ की सेवा की है। चाहे मध्य प्रदेश की बात करें या किसी अन्य प्रदेश की बात करें। मध्य प्रदेश ने 2 दिन पहले ही कर्ज लिया है वो भी मार्केट से। छत्तीसगढ़ में यह स्थिति कभी नहीं आई। यहां की अर्थव्यवस्था बहुत बेहतर है।
दो प्रकार की अर्थ नीति है, एक आम जनता की जेब से पैसा निकाला जाए और अपनी दोस्त का खजाना भरने का काम किया जाए। दूसरा है कि चाहे राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार हो उसके खजाने के पैसे को आम जनता तक पहुंचाया जाए। जो किसान है, मजदूर है, गरीब है उनके जेब में जब पैसा जाता है तो उस व्यापार चलता है व्यापार बढ़ता है और व्यापार बढ़ता है तो उद्योग के पहिए घूमते हैं।
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