रायपुर। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) की रणभेरी बज चुकी है। यहां छत्तीसगढ़ में 3 चरणों में लोकसभा का चुनाव होगा। ऐसे में अब प्रदेश की सियासत चुनावी मोड में आ गई है। बीजेपी और कांग्रेस के अपने-अपने जीत के दावे कर रही है। जहां बीजेपी ने 11 की 11 सीटों को क्लीन स्वीप करने का ऐलान किया है। वहीं कांग्रेस भी आधे से अधकि सीटों के जीतने का दंभ भर रही है। लेकिन अगर राजनीतिक जानकारों और राज्य बनने के बाद अब तक लोकसभा चुनावों के आंकड़ों पर गौर करें तो यह बात निकल कर सामने आती है। यहां की जनता ने छत्तीसगढ़ राज्य बनाने में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा मध्यप्रदेश से अलग छत्तीसगढ़ राज्य (Chhattisgarh State) बनाने की वजह से बीजेपी को लोकसभा चुनाव में वोट देती रही है।
देखा जाए तो छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद अभी तक 4 लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने सबसे ज्यादा सीटें हासिल की है। 2004, 2009 और 2014 में 11 में से 10 सीटों पर BJP ने जीत दर्ज की थी। वहीं 2018 का विधानसभा चुनाव में बड़ी हार के बावजूद 2019 में भाजपा 9 सीटें जीतने में सफल रही।
वहीं भाजपा से सरोज पांडेय और कांग्रेस छोड़कर NCP और फिर BJP में शामिल हुए विद्याचरण शुक्ल को भी हार झेलनी पड़ी। इसके बाद विद्याचरण कांग्रेस में दोबारा शामिल हो गए। महेंद्र कर्मा और विद्याचरण कांग्रेस के उन दिग्गज नेताओं में शामिल हैं, जो झीरम घाटी नक्सली हमले में मारे गए थे।
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि इस चुनाव में कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन करेगी, लेकिन मोदी मैजिक ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया। तमाम कोशिशों के बावजूद कांग्रेस के खाते में सिर्फ कोरबा और बस्तर सीट ही आई।
खास बात यह है कि महासमुंद लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार चंदूलाल के साथ ही 11 अन्य चंदूलाल निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में थे। उन सभी को अच्छे वोट मिले, लेकिन जीत फिर भी भाजपा के चंदूलाल की ही हुई।
राज्य बनने के बाद पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को केवल 1 ही सीट मिल पाई। महासमुंद सीट से बीजेपी में आए विद्याचरण शुक्ल को अजीत जोगी से हार का सामना करना पड़ा था। जबकि इस समय प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी। बस्तर से महेन्द्र कर्मा, कोरबा से महंत और दुर्ग से भूपेश बघेल को हारे थे।
नाम का ऐलान होते ही बघेल लोकसभा क्षेत्र में एक्टिव दिखाई दे रहे हैं। बघेल को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद ये राजनांदगांव प्रदेश की हॉट सीट बन गई है। उनके सामने बीजेपी से मौजूदा सांसद संतोष पांडेय प्रत्याशी हैं, इसलिए मुकाबला बेदह दिलचस्प होने वाला है।
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