रायपुर। विधानसभा चुनाव में बीजेपी अप्रत्याशित सफलता हासिल करने के बाद अब लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के लिए तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में एक बार फिर छत्तीसगढ़ राजनीति के चाणक्य बीजेपी के प्रभारी ओम माथुर (BJP in-charge Om Mathur) लोकसभा चुनावी चक्रव्यूह को बनाने में जुटे हैं। उनका मिशन है कि प्रदेश की सभी 11 सीटों पर जीत हासिल करना है। इसके लिए वे फिर प्रदेश के दौरे पर हैं। जहां वे लोकसभा सीटों के आंकलन करने में जुटे हैं। इसमें मोदी की गारंटी के साथ-साथ प्रदेश की सामाजिक तानेबाने को सियासी अंदाज में बुनने में लगे हैं।
- एक वह वक्त था, जब बीजेपी विपक्ष में थी, तो दूसरी ओर भूपेश सरकार के कामकाज की धूम। लेकिन ओम माथुर ने बड़ी ही कूटनीतिक तरीके से भूपेश सरकार के तिलस्म को तोड़ दिया है। उन्होंने अनुभव के साथ-साथ युवा उम्मदीवारों पर दांव खेला। जिसमें जातिगत और उम्मीदवारों की जमीनी पकड़ को भी प्राथमिकता में रखा था। लगभग उसी फार्मूले पर वे लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी को तैयार करने में लगे हैं। वैसे लगता है कि वह उसमें कामयाब हो जाएंगे। वे इस बार एक-दो सीटों का फर्क भी नहीं छोड़ना चाहते हैं।
उन्होंने एक मिडिया को दिए अपने साक्षात्कार में कहा, वह न सोएंगे और न ही सोने देंगे। जब तक मोदी की गारंटी पूरी न हो जाए। उनके अनुभव और मार्गदर्शन पर बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव भी दिनरात संगठन के हर पहलू की समीक्षा में लगे हैं। साथ ही वे कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से सीधे तौर पर जुड़ रहे हैं। इसके अलावा बीजेपी की नई सरकार के सभी नवनिर्वाचित विधायक और मुख्यमंत्री विष्णुदेव से लेकर मंत्री तक लोकसभा चुनाव में सभी 11 सीटाें के जीतने के मिशन में जुटें हैं।
- सूत्रों के मुताबिक जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन के हिसाब से अगर कोई विधायक भी लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार दिखेगा तो उसे भी लोकसभा का चुनाव लड़ाया जा सकता है। बहरहाल, ये अभी भविष्य के गर्भ में हैं। हां, इतना तो तय है कि बीजेपी बूथ स्तर के कार्यकर्ताआें को साधने में जुट गई है। इसके लिए सबको जिम्मेदारी भी मिलनी शुरू हो गई है। कांग्रेस के खिलाफ बीजेपी लोकसभा चुनाव में भी विधानसभा चुनाव के दौरान उठाए गए भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही घेरेगी। बता दें, मोदी की गारंटी में पीएससी परीक्षा घोटोले की सीबीआई से जांच कराने के लिए कैबिनेट ने निर्णय लिया है। इसके अलावा ईडी द्वारा महादेव एप के मामले में भूपेश बघेल को घेरेने की तैयारी शुरू कर दी है।
विधानसभा में बड़ी जीत के बाद माथुर का दावा है कि इस बार लोकसभा की सभी 11 सीटें जीतेंगे। माथुर ने इशारा किया कि कोई जरूरी नहीं है कि सभी 11 नए चेहरे हों, विधानसभा की तरह अनुभव और युवा का मिश्रण होगा। टिकट का केवल एक ही फार्मूला होगा, जो जीतने योग्य होगा उसे ही टिकट दी जाएगी।
- उन्होंने एक मिडिया में बयान दिया है कि लोकसभा की तैयारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में दो महीने पहले ही शुरू हो गई है। जो हमको ऊपर से डायरेक्शन मिले हैं, क्लस्टर बनाना, लोकसभा प्रभारी तय करना, लोकसभा में विश्लेषण जांच करके रिपोर्ट देना। यह काम शुरू हो गए हैं। जब मैं यहां आया था, तब ही तय कर लिया था कि मुझे 11 लोकसभा सीटें जीतनी है। संगठन के जो काम आए हैं, वे भी शुरू हो गए हैं। कार्यकर्ताओं को मैंने कहा है- न बैठूंगा न बैठने दूंगा , न मैं सोऊंगा न सोने दूंगा। कार्यकर्ता ही हमें चुनाव जिताते हैं। इसलिए अब हम कार्यकर्ताओं का सम्मान कर रहे हैं। विधानसभा में जहां कमी रह गई है, उसे कैसे ठीक करेंगे। इस सब पर चर्चा हो रही है।
- साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के अनुभव को लेकर बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर आगे बढ़ रहे हैं। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है कि डॉक्टर रमन सिंह का चेहरा भी बीजेपी के लिए सबसे बड़ा मायने रखती है। क्योंकि उन्होंने अपने पूरे 15 साल के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ के विकास में अमूल्य योगदान दिया है। वहीं उनकी लोकप्रियता आज भी बीजेपी के कार्यकर्ताओं और जनता के बीच है। ऐसे में ओम माथुर की कोशिश है कि इनके साथ ही मुख्यमंत्री विष्णदेव साय सहित डिप्टी सीएम अरुण साव और विजय शर्मा भी लोकसभा चुनाव के मिशन में जुटे। वैसे उनके इस संकेत को पहले से ही भांपकर बीजेपी के सभी दिग्गज लोकसभा चुनाव में सभी 11 सीटों को जीतने के लिए लगे हैं।
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