रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव (BJP State President Kiran Singh Dev) ने कहा है कि शराब घोटाले (Liquor scam) पर पिछले दिनों आए माननीय उच्च न्यायालय, बिलासपुर के एक महत्वपूर्ण फैसले में कांग्रेस की तात्कालीन सरकार द्वारा किए घोटाले की कलई एक बार और खोल दी है। इस फ़ैसले से भाजपा द्वारा इन अपराधियों के विरुद्ध लगाए गए सभी आरोपों की एक बार फिर से पुष्टि हुई है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री देव ने शुक्रवार को कुशाभाऊ ठाकरे परिसर स्थित प्रदेश कार्यालय में आहूत पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज एफआईआर और विवेचना को चुनौती देते हुए अनिल टूटेजा, यश टूटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी, निरंजन दास, नीतेश पुरोहित आदि द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गयी थी। कुल 13 याचिकाओं में दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाला मामले में ईडी की पुनः की जा रही कार्रवाई और ईओडब्ल्यू व एसीबी की ओर से दर्ज एफआईआर को चुनौती देते हुए उन्हें ख़ारिज करने की मांग की गई थी, जिसे एक साथ खारिज करते हुए अपने आदेश में उच्च न्यायालय ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि एक संगठित अपराध की तरह इस घोटाले को अंजाम दिया जा रहा था, ऐसा लग रहा है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री देव ने इस पूरे मामले की विस्तार चर्चा करते हुए कहा कि एफआईआर के अनुसार आबकारी विभाग की मुख्य जिम्मेदारियां शराब की आपूर्ति को विनियमित करना, जहरीली शराब की त्रासदियों को रोकने के लिए उपयोगकर्ताओं को गुणवत्तापूर्ण शराब सुनिश्चित करना और राज्य के लिए राजस्व अर्जित करना है। लेकिन अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा के नेतृत्व वाले आपराधिक सिंडिकेट ने इन उद्देश्यों पर पानी फेर दिया है। ढेबर और टुटेजा ने शराब नीति को अपनी सनक और पसंद के अनुसार व्यवस्थित रूप से बदल दिया है और अपने लिए अधिकतम व्यक्तिगत लाभ उठाया है।
साजिश के हिस्से के रूप में, अरुणपति त्रिपाठी को मेसर्स सीएसएमसीएल द्वारा खरीदी गई शराब पर एकत्रित रिश्वत कमीशन को अधिकतम करने और सीएसएमसीएल द्वारा संचालित दुकानों के माध्यम से गैर-शुल्क भुगतान वाली शराब की बिक्री के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का काम सौंपा गया था। श्री देव ने कहा कि ईओडब्ल्यू की जांच के दौरान पता चला कि प्रदेश में एक आपराधिक सिंडिकेट काम कर रहा था जो शराब की बिक्री में अवैध कमीशन वसूल रहा था और सरकारी शराब की दुकानों के माध्यम से बेहिसाब शराब की अनधिकृत बिक्री में भी शामिल था। अनुमान है कि संदिग्धों द्वारा लगभग 2,161 करोड़ रुपये की अपराध आय अर्जित की गई है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री देव ने कहा कि उच्च न्यायालय ने माना है कि एफआईआर में नौकरशाहों, राजनेताओं, व्यापारियों और अन्य व्यक्तियों सहित 70 नामित व्यक्ति हैं और वर्तमान में यह एक संगठित अपराध का मामला है, जिसे जांच एजेंसियों द्वारा तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने की जरूरत है। राज्य पुलिस प्रतिवादी राज्य/एसीबी ईओडब्ल्यू या ईडी की कोई भी कार्रवाई पीएमएलए के किसी भी प्रावधान के उल्लंघन या सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित किसी भी आदेश का उल्लंघन नहीं पाया गया है।
न्यायालय ने साफ-साफ यह कहा है कि ईडी, ईओडबलू और एसीबी ने अपने-अपने कार्यक्षेत्र के अनुसार ही इस पर अलग-अलग कार्रवाइयाँ की है। न्यायालय ने यह भी कहा है कि सवाल केवल शराब घोटाले का ही नहीं है। इसी तरह कोयला घोटाले से लेकर हाल के बलौदाबाजर उपद्रव तक, जिसमें आरोपी कांग्रेस विधायक की जमानत याचिका भी खारिज करते हुए देवेंद्र यादव को सात दिन के न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।
विजय बघेल ने कहा कि एक मोटे आकलन के अनुसार पचास हज़ार करोड़ से अधिक का घोटाला अपने पांच सालों के शासन में कांग्रेस ने किया। इसके सरग़ना निस्संदेह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल थे, जिन्हें एजेंसियों ने ’पोलिटिकल मास्टर’ कहा है। प्रदेश की जनता के संसाधनों को लूट कर 10, जनपथ का एटीएम बनाने की सजा कांग्रेस को अवश्य मिलेगी। कोई भी हथकंडा कांग्रेसी अपराधियों को बचा नहीं सकती है।
पत्रकार वार्ता में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी, प्रदेश महामंत्री भारत लाल वर्मा, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी, प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल मौजूद रहे।
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