रायपुर। आज सदन में DMF फंड (DMF fund) का मुद्दा गूंजा। प्रश्नकाल के दौरान सबसे पहले बस्तर में DMF से मिली राशि का मुद्दा गरमाया है। DMF से बस्तर में स्वीकृत कार्यों को लेकर कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने सवाल उठाया। मुख्यमंत्री के नहीं होने पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी (Finance Minister OP Chaudhary) ने जवाब देते हुए कहा कि, बस्तर में 34 करोड़ का कार्य को स्वीकृत किया गया है। साथ ही यह भी कहा कि, राज्य स्तर से कोई काम अस्वीकृत नहीं किया गया है।
पिछली सरकार पर लगे आरोप
चर्चा के दौरान मंत्री रामविचार नेताम ने पिछली सरकार पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि, पिछली सरकार में मंत्रियों ने DMF के नाम पर काफी गड़बड़ी की है। जो भी गड़बड़ी हुई है, उसकी जांच होनी चाहिए। तब मंत्री चौधरी ने कहा कि जिसने भी गड़बड़ी की है उसके खिलाफ कार्यवाही होगी।
स्वीकृत कार्यों को लेकर उठाया सवाल
इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने पूछा कि, शासी परिषद की पुरानी बैठक में स्वीकृत कार्यों का क्या होगा। पुरानी बैठकों में स्वीकृत काम माने जाएंगे या नहीं? इस पर मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि आने वाली कार्ययोजना के लिए बैठकें की जा रही हैं। कार्यों की समीक्षा के लिए भी कहा गया है।
नेता प्रतिपक्ष ने पूछा- कहां करें शिकायत..?
नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने DMF के कार्यों को लेकर पूछा कि, अगर कलेक्टर कार्यों को निरस्त करें तो कहां शिकायत करें। इस पर जवाब देते हुए मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि, मुख्यमंत्री या फिर जिले के प्रभारी को जानकारी दी जा सकती है।
स्वीकृत कार्यों को किया गया निरस्त
कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने इस मौके पर सदन में बताया कि, बस्तर कलेक्टर के 6 काम स्वीकृत हुए थे। उसे निरस्त कर दिया गया है। मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि कलेक्टर को DMF के किसी भी कार्य को स्वीकृत या अस्वीकृत करने के लिए कलेक्टर को शासी परिषद से अनुमोदन लेना होगा।
इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)
यह भी पढ़ें : बस्तर से सरगुजा तक ‘हर घर जल’ का लक्ष्य हो रहा पूरा