सियासी पहाड़ दो-दूनी-2 ! ‘मंत्री और निगम मंडल’ में क्या है ?… भाजपा का सोशल फार्मूला
By : hashtagu, Last Updated : July 29, 2024 | 3:06 pm
- खैर, अब मूल मुद्दे पर आते हैं, विष्णुदेव साय के मंत्रीमंडल में किसे मौका मिलेगा। सूत्रों के मुताबिक भाजपा मंत्रीमंडल विस्तार (BJP cabinet expansion) और निगम मंडल की आगामी नियुक्तियों में सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले पर काम करती दिख रही है। ताकि जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को साधा जा सके। इसके साथ ही भाजपा उन विधायकों को मौका देना चाहती है, जिनकी क्षेत्र में सक्रियता हो साथ ही जातीय स्मीकरण भी मजबूत है। जिनके नाम भी चर्चाओं में लिए जाने लगे हैं।
सूत्रों के मुताबिक विष्णुदेव साय के कैबिनेट में विस्तार के साथ ही कुछ मंत्रियों के आउट किए जाने की संभावनाएं जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि मंत्रियों के कामकाज और उनकी क्षमताओं पर भाजपा संगठन की नजर है। ऐसे में चर्चा है कि एक या दो मंत्री को संगठन की जिम्मेदारी दी जा सकती है। वैसे देखा जाए तो विष्णुदेव साय कैबिनेट के सभी मंत्रियों के कामकाज बेहतर ही नजर आ रहे हैं। लेकिन कुछ ऐसे मुद्दे है कि जिनके निस्तारण में लेटलतीफी की बातें सामने आ रही है। जैसा की विधानसभा में भाजपा के विधायकों ने कई समस्याओं के निराकरण में तेजी नहीं आने पर आपत्ति जताई है। वैसे उन पर प्रशासनिक कार्रवाई चल रही है। इससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि दो से तीन मंत्री पद पर नए विधायकों को आसीन किया जा सकता है।
लेटलतीफी के पीछे सबसे बड़ी वजह
बृजमोहन के खाली मंत्री पद और संभावित विस्तार की लेटलतीफी का सबसे बड़ा कारण है आगामी नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव है, इन होने वाले चुनाव में विधायकों के साथ ही भाजपा अपने संगठन को जिम्मेदारी देगी। साथ ही इसमें जिस विधायक के क्षेत्र में नगरीय निकायों और पंचायत के चुनावों में प्रचंड जीत मिलेगी, उसे इनाम में मंत्री का पद दिए जाने की संभावना है। इसके अलावा संगठन के कद्दावर पदाधिकारियों को भी नगरीय निकायों के चुनाव में टारगेट दिया जा सकता है। इसके पीछे कारण है कांग्रेस का नगरीय निकाय और पंचायत निकायों की अधिकांश सीटों पर कब्जा। ऐसे में भाजपा के लिए इसे खत्म करने की चुनौती भी नगरीय और पंचायत निकायों के चुनाव में है। इसलिए इस टारगेट को पूरा करने वाले को भाजपा अपने पदाधिकारियों को निगम और मंडल के अध्यक्ष बन सकती है। जाहिर है कि भाजपा निगम मंडल में नियुक्तियों के माध्यम से विधायकों और संगठन के पदाधिकारियों को साधने की कोशिश करेगी। वैसे अभी ये सभी चर्चाओं और कायसों की बुनियाद पर खड़ी बातें हैं, लेकिन इसके कुछ तथ्य सौ फीसदी सही है। अब आने वाला वक्त ही बताएगा कि भाजपा क्या निर्णय लेती है।
यह भी पढ़ें : अली फजल की खुली किस्मत! तीन टॉप फिल्म मेकर्स के साथ काम करने पर बोले, ‘यह सपना सच होने जैसा’
यह भी पढ़ें : केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह से मिले CM विष्णुदेव साय और डिप्टी CM विजय शर्मा
यह भी पढ़ें : क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और विधायक पुरन्दर मिश्रा ने सुना मोदी की मन की बात