रायपुर। इस बार रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट (Raipur South Assembly Seat) के उपचुनाव में चुनावी प्रचार का शोर इस कदर रहा कि कहीं से भी जनमुद्दे की बात दमदार तरीके से किसी पार्टी ने नहीं उठाया। बड़ी विडंबना है कि इस कोई भी पार्टी हो सभी ने अपने-अपने तरीके से एक-दूसरे पर वार पलटवार किया। भाजपा ने कांग्रेस (BJP defeated Congress) की पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान कामों को लेकर आक्रामक दिखी, जैसा की बीते विधानसभा चुनाव में देखने को मिला था। ठीक उसी तर्ज पर विधानसभा का उपचुनाव के प्रचार में भी हुआ।
अगर कहीं से जनमुद्दे की बात छिड़ी भी तो भाजपा का तर्क था कि रायपुर मेयर कांग्रेस का है, उसने विकास नहीं कराया। इसके पटवार में कांग्रेस ने भी दो दूनी चार गिनाते हुए कहा कि भाजपा प्रत्याशी सुनील साेनी जब महापौर तो थे और सांसद रहे तो उस दौरान उन्होंने रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में एक भी विकास काम नहीं कराया।
इन सबके बीच जहां भाजपा कांग्रेस को उसकी पूर्ववर्ती सरकार के दौरान तमाम भ्रष्टाचार के कामकाज को लेकर घेरती रही। वहीं कांग्रेस ने एक मुद्दा छेड़ा जिसमें,उसने कहा कि चुनावी सुनील सोनी नहीं बल्कि बृजमोहन अग्रवाल बनाम कांग्रेस है। वैसे भी सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने खुद चुनावी सभाओं में कहा कि यहां दो विधायक होंगे, एक सुनील सोनी तो दूसरा वह खुद। ये उनकी हिट लाइन भी खूब हिट हुई कांग्रेस ने सोशल मीडिया के जरिए इसे प्रचारित करते हुए भाजपा पर तंज कसने लगी। शायद एक वजह यह भी थी, कि यहां से 8 बार के अपराजेय विधायक रहे बृजमोहन के गढ़ में भाजपा को मात दे पाना कांग्रेस के लिए आसान नहीं है।
इस कारण भी हर एक छोटी-बड़ी चीजों को लेकर कांग्रेस के नेता भाजपा पर हमलावार रहे। लेकिन जनता की दुश्वारियों की वजह बनने की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली। अब 13 नवंबर को मतदान होगा, इसके बाद 23 नवंबर को पता चलेगा कि जनता किसके साथ है। वैसे भी हवाओं के रूख को पहचान पाना वर्तमान में किसी के कूबत में नहीं। सबके अपने-अपने जीत के दावे और इरादे भी जुदा हैं।
यह भी पढ़ें : इस चुनाव में वोटों का धर्म युद्ध लड़ेंगे : फडणवीस
यह भी पढ़ें : ‘गंभीर सिरदर्द’ से परेशान हैं मनीषा कोइराला, फैंस संग शेयर की समस्या
यह भी पढ़ें : वाह? ये कैसा छलावा, बिन शिक्षक ही आधे सत्र की पढ़ाई पूरी
यह भी पढ़ें : रायपुर दक्षिण उपचुनाव : सीएम साय के रोड के साथ थमा चुनावी प्रचार शोर