रायपुर। चलत विमान कोलाहल होई, जय रघुवीर कहत सब कोई।। अर्थात, जब प्रभु श्रीराम रावण का वध करने के बाद पुष्पक विमान से अयाेध्या के लिए प्रस्थान करते हैं तो उस समय सभी दसों दिशाओं से जय रघुवीर का उदघोष हो रहा था। आज उसकी झांकी तर्ज पर रायपुर पश्चिम के लोकप्रिय विधायक विकास उपाध्याय (MLA Vikas Upadhyay) ने अपने क्षेत्र के आमानाका-कुकरबेड़ा (Amanaka-kukarbeda) सहित अन्य वार्डों में एक अनूठे जनसंपर्क की शुरूआत की। शाम 6 बजे वे पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय के मुख्य गेट के बगल श्रीराम और हनुमान मंदिर पहुंचे। जहां प्रभु श्रीराम और हनुमान के बाल स्वरूप को जय श्रीराम के उदघोष की गूंज के बीच उन्होंने अपने कंधे पर बैठा लिया। इधर यहां उमड़े जनसैलाब ने जय घोष के साथ प्रभु श्रीराम-श्री हनुमान का स्वागत किया।
फिर क्या था, विकास उपाध्याय अपने कंधे पर प्रभु श्रीराम और हनुमान के बाल स्वरूप को लेकर चल पड़े। उनके पीछे हजारों की भीड़ में महिला और पुरुषों का रेला चल पड़ा। जय श्रीराम के जयघोष के साथ ‘विकास उपाध्याय’ हर घर की चौखट पर रुकते जा रहे थे, जहां प्रभु श्रीराम और श्रीहनुमान की आरती का सिलसिला चल पड़ा।
सहसा, इस विहंगम द्ष्य को देखकर लगा कि जैसे प्रभु श्रीराम जैसे लंका से विजय के बाद अयोध्या की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। वहीं उनके पीछे चल रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भीड़ अयोध्यावासी के रूप में नजर आ रहे थे। भले ही एक ‘राजनीतिक’ कार्यक्रम था, लेकिन किसी को यह अहसास नहीं हुआ। पूरा क्षेत्र राम की भक्ति में डूबा नजर आया। लोग, अपने घरों की छतों से पुष्पवर्षा कर रहे थे, लगा कि जैसे प्रभु श्रीराम का ‘देवतागण और अयोध्यावासी’ स्वागत और अभिनंदन कर रहे हैं। इस नजारे को देखकर लोग चौंक भी उठे। और इतना ही नहीं सभी विकास की प्रभुश्रीराम-हनुमान के प्रति अगाध श्रद्धा-भक्ति को देखकर मुरीद हो गए।
इतना ही नहीं विकास उपाध्याय के कंधे पर सजी प्रभु श्रीराम की झांकी का स्वागत मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी किया। साथ ही उन्होंने विकास उपाध्याय को अग्रिम चुनावी विजय की शुभकामनाएं भी देते दिखे।
यह कहना भी गलत नहीं होगा, आज के भारतीय राजनीति के इतिहास में शायद ही कोई नेता या जनप्रतिनिधि अपने कंधे पर भगवान श्रीराम और श्रीहनुमान लला की झांकी को लेकर चला हो। इनके इस अनूठे जनसंपर्क के अंदाज को लेकर सोशल मीडिया में बहस भी छिड़ी हुई है। लोग कह रहे हैं, आज तक पूरे देश में कोई विधायक इस अंदाज में जनसंपर्क नहीं किया है। जो अपने आप में एक कीर्तिमान ही है।
जहां से भी विकास उपाध्याय अपने कंधे पर प्रभु श्रीराम और श्री हुनमान की झांकी लेकर गुजरे तो लोगों के दिलो दिमाग में विकास उपाध्याय छा गए। फिर क्या था, उनके विजय रूपी जुलूस की चर्चा करते हुए लोग दिखे। चाय-पान की दुकानों और नुक्कड़ों पर सभी विकास की तारीफ कर रहे थे। विकास उपाध्याय एक ऐसा चेहरा है कि हर समय लोगों के बीच मौजूद रहते हैं। जब भी वे किसी से मिलते हैं तो बड़ी ही जिंदादिली के साथ। उनके लिए न कोई छोटा-और न कोई बड़ा। सभी को एक समान मान-सम्मान देने में वे नहीं चूकते हैं। अपने क्षेत्र की कालोनियों में छोटी-बड़ी समस्या के लिए वे हमेशा तत्पर रहते हैं। इसके बाद एनआईटी की चौपाटी पर कुछ चर्चा कर रहे थे, भाई विकास को कांग्रेस सरकार में ज्यादा पॉवर नहीं दिया गया था। अगर दिया गया होता तो रायपुर पश्चिम ही नहीं पूरे रायपुर की तस्वीर कुछ और ही होती।
विकास उपाध्याय के राजनीति की शुरूआत युवा अवस्था से ही हो गई थी। वे शुरू से ही जुझारू और जनता के बीच संघर्ष करने वाले रहे हैं। कांग्रेस के युवा नेता विकास उपाध्याय साल 2018 के विधानसभा चुनाव में लगातार इस क्षेत्र से 15 वर्षों तक बीजेपी सरकार में कद्दावर मंत्री रहे राजेश मूणत को पटखनी देकर विधानसभा में पहुंचे। ऐसे में यह माना जा रहा था कि विकास उपाध्याय को कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद मिलेगा। लेकिन सियासी दांवपेंच में ऐसा नहीं हो पाया। इस वजह से लोगों में नाराजगी थी कि इतनी बड़ी सफलता के बावजूद उन्हें क्यों मंत्री नहीं बनाया गया। इसके बावजूद विकास जैसे अपने विधायकी से पूर्व काम और संघर्ष कर रहे थे। उसी अंदाज में अपने पूरे कार्यकाल में रायपुर पश्चिम में सक्रिय थे। यही वजह है कि आज वे एक बार फिर ‘विजय के पथ’ पर अग्रसर हैं।
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