छिड़ी जुबानी जंग : कांग्रेस ने कहा-‘आदिवासियों’ का BJP ने किया अपमान! इधर भाजपा ने दागे सवाल-क्यों कभी ‘आदिवासी’ को CM नहीं बनाया ?

By : hashtagu, Last Updated : August 10, 2024 | 9:01 pm

रायपुर। आज कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने पत्रकारवार्ता में भाजपा पर जमकर हमला बोला। प्रदेश अध्यक्ष ने दीपक बैज ने कहा विश्व आदिवासी दिवस पर भाजपा ने आदिवासियों का अपमान किया। इसके पलटवार में भजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस ने क्यों नहीं कभी आदिवासी समुदाय को मुख्यमंत्री बनाया। आइए जानते हैं कि किसने क्या एक-दूसरे पर आराेप प्रत्यारोप लगाया।

कांग्रेस ने ये लगाए आरोप

कहा कि विश्व आदिवासी दिवस पर भाजपा ने आदिवासियों का अपमान किया। आरएसएस के खुले विरोध की वजह से सरकार दबाव में आई गई है। भारतीय जनता पार्टी ने कल यानी 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रमों का बहिष्कार कर दिया था। रायपुर में दो कार्यक्रम थे और दोनों ही कार्यक्रमों की घोषणा के बाद सरकार के प्रतिनिधि वहां नहीं गए। एक रायपुर के इंडोर स्टेडियम में था जिसमें आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को शामिल होना था. पर ऐन वक्त पर उन्होंने तय किया कि वे इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगे।

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  • – दूसरा कार्यक्रम महंत घासीदास संग्रहालय की कला वीथिका में आदिवासियों पर आयोजित एक प्रदर्शनी थी, जिसका उद्घाटन भाजपा सरकार के वरिष्ठ आदिवासी मंत्री रामविचार नेताम को करना था. यह प्रदर्शनी ‘अपरिहार्य कारणों से’ स्थगित कर दिया गया।

– पिछले पांच वर्षों में कांग्रेस की सरकार ने विश्व आदिवासी दिवस को एक उत्सव का रूप दिया. सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की। हमारी सरकार ने विश्व आदिवासी नृत्य महोत्सव मनाना शुरु किया। जिसमें पूरे देश और कई अन्य देशों से आदिवासी नर्तकों का दल आया करता था। पूरे देश में आदिवासी समाज देख रहा था कि छत्तीसगढ़ में किस तरह से आदिवासी समाज को सम्मान मिल रहा है।

अब सवाल यह है कि ऐसा क्यों हुआ?

कहा कि ऐसा दरअसल हुआ अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के कहने पर यह संस्था घोषित रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस का एक अनुषांगिक संगठन है।यानी आरएसएस ही इसे संचालित करता है। वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने एक सार्वजनिक बयान जारी किया. इस बयान को बक़ायदा उनके फ़ेसबुक पेज पर भी लगाया गया है।

– इस बयान में उन्होंने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस की भारत में कोई प्रासंगिकता नहीं है। उन्होंने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस कोई अंतरराष्ट्रीय षडयंत्र हैं। इसका मतलब है कि उन्होंने आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को मानने से इनकार कर दिया है।

वनवासी कल्याण आश्रम की ओर से जारी इस बयान को आरएसएस की ओर से दबाव की तरह देखना चाहिए। इस दबाव का भाजपा की सरकार पर बहुत बड़ा असर हुआ.

भाजपा सरकार नागपुर से चलती है, क्रोनोलॉजी समझिए

छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से हर साल विश्व आदिवासी दिन विज्ञापन जारी किए जाते थे. मुख्यमंत्री की ओर से आदिवासी समाज को अग्रिम शुभकामनाएं दी जाती थीं। न तो सरकार ने कोई विज्ञापन जारी किया और न मीडिया को मुख्यमंत्री की ओर से कोई शुभकामना जारी की गई। जैसा कि हमने बताया विश्व आदिवासी दिवस के दिन जो दो कार्यक्रम थे उसे रद्द कर दिया गया। बस मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी ने एक ट्वीट करके विश्व आदिवासी दिवस मना लिया।

ज़ाहिर है कि आरएसएस के दबाव में भाजपा की सरकार ने विश्व आदिवासी दिवस का इस तरह से बहिष्कार किया। इस दबाव से दो बातें ज़ाहिर हुई हैं. एक तो यह कि भाजपा की सरकार दरअसल आरएसएस के इशारे पर चल रही कठपुतली सरकार है. यानी यह सरकार रायपुर से नहीं, नागपुर से चलती है। दूसरा यह साबित हुआ कि आरएसएस आदिवासियों की संस्कृति और परंपराओं का सम्मान नहीं करती. वह आदिवासियों को अलग अलग मुद्दों पर बरगलाती है और भाजपा को वोट दिलवाने का षडयंत्र करती है।

आदिवासी माफ़ नहीं करेंगे भाजपा को

छत्तीसगढ़ की आबादी का 32 प्रतिशत आदिवासी हैं और वे पूरे प्रदेश में फैले हुए हैं। यानी राज्य की एक तिहाई आबादी आदिवासियों की है। भाजपा ने पिछले पांच सालों में आदिवासियों को अलग अलग मुद्दों पर भटकाया और कांग्रेस के खिलाफ खड़ा किया। नतीजा यह हुआ कि बहुत सी आदिवासी सीटों पर भाजपा को सफलता मिली। लेकिन कल जो हुआ उसने आदिवासी समाज की आंखें खोल दी हैं। अब आदिवासियों को समझ में आ गया है कि आरएसएस और भाजपा आदिवासियों को सिर्फ वोट बैंक समझती है। आदिवासियों को ठगने के लिए विष्णु देव साय के रूप में एक आदिवासी को मुख्यमंत्री तो बना दिया है पर वे उन्हें आदिवासियों के बीच जाने से भी रोक रहे हैं। एक और वरिष्ठ आदिवासी नेता रामविचार नेताम को मंत्री तो बनाया गया है लेकिन कल उन्हें भी आदिवासियों से जुड़ी प्रदर्शनी का उद्घाटन करने से रोक दिया गया.

हमारे सवाल

  1. – आरएसएस को बताना चाहिए कि वह आदिवासियों की संस्कृति और परंपरा के खिलाफ क्यों हैं?
  2. – भाजपा की सरकार के आदिवासी मुखिया विष्णु देव साय जी को बताना चाहिए कि वे नागपुर से उन पर कितना दबाव है और वे इस तरह दबाव में कब तक काम करेंगे?
  3. – रामविचार नेताम जी वरिष्ठ और अनुभवी मंत्री हैं, उन्हें बताना चाहिए कि वे क्यों दबाव में आ गए और आदिवासियों के कार्यक्रम का बहिष्कार किया.
  4. – छत्तीसगढ़ के विभिन्न आदिवासी संगठनों से हमारा सवाल है कि क्या वे भाजपा और आरएसएस की इस कुटिल चाल का विरोध करेंगे?
  5. – कांग्रेस की ओर से हम इसकी निंदा करते हैं और हम भाजपा की इस हरकत को हर मंच पर आदिवासियों को बताएंगे।

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बैज के बयान पर भाजपा ने पूछा कांग्रेस ने कभी आदिवासी को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया?

भाजपा ने कांग्रेस पर दागे सवाल महिला आदिवासी राष्ट्रपति न बने ऐसा प्रयास क्यों किया,छत्तीसगढ़ में कभी किसी आदिवासी को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया?

आदिवासियों का अपमान और शोषण ही कांग्रेस का चरित्र:देवलाल ठाकुर

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने कहा है कि झूठ का बाजार सजाकर अफवाह व भ्रम फैलाकर अब कांग्रेस विश्व आदिवासी दिवस को लेकर ओछी राजनीति कर रही है। श्री ठाकुर ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज भी अब आलाकमान के सामने अपना नंबर बढ़ाने की कवायद करके सत्य और तथ्य से परे बातें करने लगे हैं। बैज के बयान से यह साफ हो गया है कि आदिवासी विरोधी कांग्रेस अपने राजनीतिक आचरण से सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली की उक्ति को चरितार्थ कर रही है।

Devlal Bjp

  • भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ठाकुर ने कहा दरअसल कांग्रेस के पास अब कोई मुद्दा है नहीं, इसलिए ऊलजलूल बयानबाजी करके अपने राजनीतिक वजूद की आखिरी लड़ाई से जूझ रही है। भाजपा की प्रदेश सरकार ने आदिवासियों को जो सम्मानजनक स्थान देकर उनके सर्वतोमुखी कल्याण का सतत चिंतन करते हुए जो काम किया है, उससे कांग्रेस का आदिवासी विरोधी डीएनए जगजाहिर हो रहा है और इसीलिए कांग्रेसी जब-तब झूठ का सहारा लेकर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने का हास्यास्पद उपक्रम करते रहते हैं। श्री ठाकुर ने कहा कि बेसिरपैर की बयानबाजी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके अनुषांगिक संगठनों को घसीटने की बुरी लत के शिकार कांग्रेस के लोग पहले अपने और अपनी पिछली भूपेश सरकार के आदिवासी विरोधी कारनामों को याद कर लिया करें।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस को आदिवासियों और आदिवासी संस्कृति के बारे में बात करने का कोई हक नहीं है। कांग्रेस ने कभी भी छत्तीसगढ़ राज्य के लिए काम नहीं किया। आदिवासी बहुल छत्तीसगढ़ को एक पूर्ण राज्य का दर्जा भाजपा ने दिया।आदिवासी महिला जब राष्ट्रपति बन रही थी, तो कांग्रेस ने पूरा विरोध किया और द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति नहीं बनने देने के लिए पूरा दम लगाया और पूरी कोशिश की कि एक आदिवासी महिला राष्ट्रपति न बन पाए। भारतीय जनता पार्टी ने ही आदिवासियों के लिए छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया, यह सही मायने में आदिवासियों का सम्मान है, एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाया यह आदिवासियों का सम्मान है, एक आदिवासी को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया, यह सही मायने में आदिवासियों का सम्मान है, देश के 63 हजार ग्रामों के 5 करोड़ आदिवासियों के लिए प्रधानमंत्री जनजाति उन्नत ग्राम योजना का संकल्प सही मायने में आदिवासियों का सम्मान है।

  • भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के राज में तो लगातार आदिवासियों का शोषण हुआ है, उन्हें कोई पद नहीं मिला है और जिन्हें पदों पर बिठाया गया, उन्हें कठपुतली बनकर बिठाया गया। मोहन मरकाम को किस प्रकार से अपमानित किया गया था, यह सबने देखा है। खुद दीपक बैज का क्या हाल है, यह पूरी कांग्रेस देख ही रही है, जिन्हें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुले तौर पर हमेशा अपमानित करते रहे, मोहन मरकाम को अपमानित करते रहे, जितने और भी आदिवासी नेता हैं, वे कांग्रेस मे हमेशा हाशिए पर रहे। श्री ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस हमेशा आदिवासियों का शोषण करती रही है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ठाकुर ने यह भी कहा कि ‘वर्ल्ड इंडीजेनस डे’ का भारतीय संस्कृति के हिसाब से यहाँ कोई बड़ा महत्व नहीं है। भारतीय जनता पार्टी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को धूमधाम से मनाएगी जो आदिवासी समाज से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं। ठाकुर ने सवाल दागा कि भगवान बिरसा मुंडा के प्रति भाजपा और संघ-परिवार की श्रद्धा को लेकर कांग्रेस क्यों खम्भा नोच रही है? हमारे लिए हर आदिवासी महानायक श्रद्धा केंद्र हैं, जिन्होंने देश के स्वाधीनता संग्राम में अपना सर्वस्व न्योछावर किया। उन्होंने कहा कि दीपक बैज के नाम से कुछ झूठ फैला कर कांग्रेस अपने आदिवासी विरोधी कृत्यों की ज़िम्मेदारी से पीछा नहीं छुड़ा सकती। कांग्रेस को पचास वर्ष तक आदिवासियों का शोषण करने, उन्हें अपमानित करते रहने के लिए माफी प्रायश्चित करना चाहिये।

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