नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)। हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट (Hindenburg new report) को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी (BJP national spokesperson Sudhanshu Trivedi) ने विपक्ष पर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग एजेंसियों की जांच का सामना कर रहा है। हिंडनबर्ग द्वारा सात समंदर पार से एक सुर उठाया जाता है और सारा विपक्ष उस में ताल मिलाने लगता है।
पिछले साल की हिंडनबर्ग रिपोर्ट, बीबीसी डॉक्यूमेंट्री बजट सत्र शुरू होने से ठीक पहले जारी किए गए थे, जो संदेह पैदा करता है। विपक्ष को इस तथ्य के बारे में अच्छी तरह से पता था कि संसदीय सत्र से पहले ऐसा कुछ होने वाला है। कांग्रेस और विपक्ष भारत में आर्थिक अराजकता पैदा क्यों करना चाहता है? एलआईसी और एचएएल को भी पहले बदनाम किया गया था। विपक्ष अब सेबी पर हमले कर रहा है।
राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने 1984 में यूनियन कार्बाइड, 1987 में बोफोर्स, अगस्ता वेस्टलैंड और हाल ही में बीबीसी और हिंडनबर्ग जैसे उदाहरणों का हवाला देते हुए कांग्रेस पार्टी पर विदेशी संस्थाओं का समर्थन करने का इतिहास होने का आरोप लगाया। संसद सत्र के समापन को लेकर उन्होंने कहा कि संसदीय सत्र की तारीखें बिजनेस एडवाइजरी कमेटी द्वारा निर्धारित की जाती हैं, जिसमें केवल सत्तारूढ़ दल ही नहीं, बल्कि सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
कांग्रेस और विपक्ष लगातार आर्थिक अस्थिरता और अराजकता क्यों फैलाना चाहती है? सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस और विपक्षी दलों ने संसद सत्र से पहले एक विदेशी एजेंसी की रिपोर्ट जारी की है ताकि सत्र के दौरान अस्थिरता पैदा की जा सके। मैं पूछना चाहता हूं कि संसद सत्र के समय ये विदेशी रिपोर्ट क्यों आती हैं? यह स्पष्ट है कि विपक्ष भारत में असंतुलन पैदा करना चाहता है। जब हम विपक्ष में होते हैं तो स्वदेशी आंदोलन की बात करते हैं, जबकि जब हम सत्ता में होते हैं तो प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हैं।
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