X Story : ‘राहुल गांधी-TS सिंहदेव’ ने इलेक्टोरेल बांड के बहाने ‘PM मोदी’ पर साधा निशाना!
By : hashtagu, Last Updated : March 5, 2024 | 6:10 pm
छत्तीसगढ़। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरेल बांड असंवैधानिक (Electoral bonds unconstitutional) बताते हुए रद्द कर दिया था। जिसे लेकर अब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने PM मोदी पर निशाना साधा है। इसी कड़ी में पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने भी पीएम मोदी पर तंज कसे हैंं।
अपने एक्स हैंडल पर टीएस सिंहदेव ने लिखा, सुप्रीम कोर्ट के अनुसार इलेक्टोरल बॉन्ड अवैध हैं और जनता को इसकी पूरी पारदर्शिता होनी चाहिए। मगर पारदर्शिता न प्रधानमंत्री की पसंद है, न मोदी सरकार की संस्थाओं की। बस एक प्राथमिकता -। कमीशन देता रहे ‘मोदी का परिवार’, और सरकारी दांव-पेंच में पनपता रहे भ्रष्टाचार।
राहुल गांधी ने अपने एक्स हैंडल पर ये लिखा
राहुल गांधी ने अपने एक्स हैंडल पर ये लिखा, नरेंद्र मोदी ने ‘चंदे के धंधे’ को छिपाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इलेक्टोरल बॉण्ड का सच जानना देशवासियों का हक़ है, तब SBI क्यों चाहता है कि चुनाव से पहले यह जानकारी सार्वजनिक न हो पाए?। एक क्लिक पर निकाली जा सकने वाली जानकारी के लिए 30 जून तक का समय मांगना बताता है कि दाल में कुछ काला नहीं है, पूरी दाल ही काली है। देश की हर स्वतंत्र संस्था ‘मोडानी परिवार’ बन कर उनके भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने में लगी है। चुनाव से पहले मोदी के ‘असली चेहरे’ को छिपाने का यह ‘अंतिम प्रयास’ है।
सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक बताते हुए किया है रद्द
सर्वोच्च अदालत ने इसे असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड को अज्ञात रखना सूचना के अधिकार और अनुच्छेद 19 (1) (ए) का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को आर्थिक मदद से उसके बदले में कुछ और प्रबंध करने की व्यवस्था को बढ़ावा मिल सकता है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि काले धन पर काबू पाने का एकमात्र तरीक़ा इलेक्टोरल बॉन्ड नहीं हो सकता है. इसके और भी कई विकल्प हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को राजनीतिक पार्टियों को मिले इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार इलेक्टोरल बॉन्ड अवैध हैं और जनता को इसकी पूरी पारदर्शिता होनी चाहिए।
मगर पारदर्शिता न प्रधानमंत्री की पसंद है, न मोदी सरकार की संस्थाओं की।
बस एक प्राथमिकता –
कमीशन देता रहे 'मोदी का परिवार',
और सरकारी दांव-पेंच में पनपता रहे भ्रष्टाचार। https://t.co/vZuOIWc0lI— T S Singhdeo (@TS_SinghDeo) March 4, 2024
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