कोलकाता, 29 नवंबर (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने बुधवार को करोड़ों रुपये के स्कूल-नौकरी मामले में पश्चिम बंगाल (Bengal) बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (डब्ल्यूबीबीएसई) के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गंगोपाध्याय को सशर्त जमानत दे दी।
मामले में कथित संलिप्तता के लिए सीबीआई ने गंगोपाध्याय को पिछले साल 15 सितंबर को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद से उन्होंने 14 महीने से अधिक समय न्यायिक हिरासत में बिताया है।
हालांकि, जस्टिस जॉयमाल्या बागची और गौरांग कंठ की खंडपीठ ने उन्हें स्वास्थ्य और चिकित्सा आधार पर जमानत दी, लेकिन कई शर्तें भी लगाईं।
पीठ ने कहा कि गंगोपाध्याय को इस शर्त पर जमानत दी गई है कि वह उन केंद्रीय एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग करेंगे जो वर्तमान में घोटाले की जांच कर रही हैं। दूसरी शर्त यह है कि वह कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के अधिकार क्षेत्र से बाहर नहीं जा सकेंगे।
गंगोपाध्याय को मध्य कोलकाता में पार्क स्ट्रीट पुलिस स्टेशन और शहर के उत्तरी बाहरी इलाके में बिधाननगर सिटी पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी, क्योंकि वहां डब्ल्यूबीबीएसई और राज्य शिक्षा विभाग के दफ्तर हैं।
उन्हें अपना पासपोर्ट कोलकाता की एक विशेष अदालत में जमा करने का भी निर्देश दिया गया है, जहां कथित स्कूल नौकरी घोटाले से संबंधित विभिन्न मामलों की सुनवाई हो रही है।
गंगोपाध्याय के खिलाफ मुख्य आरोप डब्ल्यूबीएसएससी की स्क्रीनिंग कमेटी की सिफारिशों के बाद बिना क्रॉस-चेकिंग के सभी मानदंडों का उल्लंघन करते हुए नियुक्ति पत्रों का वितरण करना था।
जांच अधिकारी आश्चर्यचकित थे कि कैसे उनका कार्यकाल कई बार बढ़ाया गया और वह लगातार 10 वर्षों तक डब्ल्यूबीबीएसई अध्यक्ष की कुर्सी पर बने रहे।
उन्होंने पहले भी जमानत याचिकाएं दायर की थी, लेकिन उन्हें पहले विशेष अदालत और फिर कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल न्यायाधीश पीठ ने खारिज कर दिया था।