कनाडा को अमेरिका ने उपलब्ध कराई थी निज्जर की हत्या से जुड़ी सूचना: न्यूयॉर्क टाइम्स
By : hashtagu, Last Updated : September 24, 2023 | 11:42 am
अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया में एक गुरुद्वारे के बाहर निज्जर की हत्या के बाद ”अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने कनाडा की खुफिया एजेंसी को वह संदर्भ मुहैया कराया था जिससे कनाडा ने मामले में भारत के शामिल होने का निष्कर्ष निकाला।”
अखबार से बात करने वाले दो सहयोगी देशों के अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हत्या के बारे में ”सबसे पुख्ता सबूत” खुद कनाडा ने जुटाये थे।
यह रिपोर्ट कनाडा में अमेरिकी राजदूत डेविड कोहेन के दावों से मेल खाती है जिन्होंने कहा था कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत के खिलाफ आरोप ”फाइव आईज सहयोगियों के बीच साझा खुफिया जानकारी” पर आधारित थे।
फाइव आईज कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रलिया और न्यूजीलैंड का संयुक्त खुफिया नेटवर्क है। इसकी स्थापना 1946 में हुई थी।
अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका को निज्जर की हत्या से पहले इस साजिश या इसमें भारत की भूमिका के बारे में जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता तो उन्होंने ”सचेत करने की जिम्मेदारी” के तहत ओटावा को तत्काल सूचित किया होता।
अधिकारियों ने बताया कि कनाडाई अधिकारियों ने भी निज्जर को चेतावनी दी थी, लेकिन उसे यह नहीं बताया था कि भारत सरकार की साजिश में निशाने पर है।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने मामले में ह्वाइट हाउस के प्रवक्ता से भी बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी अधिकारी दोनों सहयोगी देशों के साथ संतुलन बनाकर चलना चाहते हैं और इसलिए इस हत्या पर बोलने से बच रहे हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन ने भारत से निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा के साथ सहयोग करने और ”जिम्मेदारी” सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा की आम बैठक से इतर संवाददाताओं से बात करते हुये ब्लिंकन ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका भारत और कनाडा दोनों के संपर्क में है। भारत के साथ उसके मधुर संबंध हैं और कनाडा एक करीबी सहयोगी है।
उन्होंने कहा, ”हम जिम्मेदारी देखना चाहते हैं। यह जरूरी है कि जांच अपने हिसाब से चले और परिणाम निकले।”
उन्होंने कहा कि कनाडा ने निज्जर की हत्या से जुड़े साक्ष्य ”कई सप्ताह पहले” भारत के साथ साझा किये थे।
ट्रूडो के आरोप से भारत और कनाडा के राजनयिक संबंधों में खटास आ गई है। भारत ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित किया है और अपने नागरिकों के लिए यात्रा मशविरा जारी किया है।