बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का राजनयिक पासपोर्ट किया रद्द

By : hashtagu, Last Updated : August 23, 2024 | 12:37 pm

ढाका, 23 अगस्त (आईएएनएस)। बांग्लादेश में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को दिए जा रहे 30 फीसदी आरक्षण के विरोध को लेकर पूरे देश में हुए खूनी संघर्ष के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत आईं शेख हसीना (Sheikh Hasina) का राजनयिक पासपोर्ट अब रद्द कर दिया गया है।

बांग्लादेशी गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, उनके सलाहकारों, पूर्व कैबिनेट सदस्यों और हाल ही में भंग हुई राष्ट्रीय संसद के सभी सदस्यों को अपने राजनयिक पासपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, गुरुवार को जारी किया गया यह निर्देश उनके परिवार के सदस्यों पर भी लागू होता है। अधिसूचना पर गृह मंत्रालय के वरिष्ठ सूचना अधिकारी फैसल हसन के हस्ताक्षर हैं। जिसमें राजनयिक पासपोर्ट जमा करने पर सामान्य पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया का विवरण दिया गया है। निर्देशों में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति अपना राजनयिक पासपोर्ट जमा करने में विफल रहता है तो उसके खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बता दें, बांग्लादेश में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के रिश्तेदारों के लिए देश की तमाम सरकारी नौकरियों में दिए जा रहे आरक्षण के विरोध में एक जुलाई से प्रदर्शन की शुरुआत छात्रों ने की थी। पांच जून को ढाका हाईकोर्ट ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को आरक्षण को फिर से लागू करने का आदेश दिया था।

बांग्लादेश में 30 फीसदी नौकरियों में 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के बच्चों के अलावा पौत्र-पौत्रियों के लिए, प्रशासनिक जिलों के लोगों के लिए 10 फीसदी, महिलाओं के लिए 10 फीसदी, जातीय अल्पसंख्यक समूहों को 5 फीसदी और विकलांगों को 1 फीसदी आरक्षण नौकरियों में दिया जा रहा है। इसके अलावा बांग्लादेश में आरक्षण व्यवस्था के अंतर्गत महिलाओं, विकलांगों और जातीय अल्पसंख्यक लोगों के लिए भी सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान पहले से ही है। इस रिजर्वेशन सिस्टम को 2018 में वहां की सुप्रीम कोर्ट द्वारा निलंबित कर दिया गया। इस निलंबन के बाद इस तरह के विरोध प्रदर्शन पूरे देश में रूक गए थे।

इसके बाद बांग्लादेश में भीड़ ने अपनी मांगों को लेकर राजधानी व उसके आसपास के इलाकों में आगजनी, तोड़फोड़ की जिसमें सैकड़ों लोगों के मारे जाने की भी पुष्टि हुई। इसके अलावा राजधानी में लगे शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्ति को भी तोड़ दिया गया।