भारत का पाकिस्तान पर तंज: तबाह रनवे को जीत बता रहे शहबाज?

By : dineshakula, Last Updated : September 27, 2025 | 11:54 am

न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भाषण पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भारत ने शहबाज शरीफ के उस दावे का मजाक उड़ाया जिसमें उन्होंने भारत के कथित हमले को नाकाम करने को “जीत” बताया और कहा कि तबाह रनवे और जले हुए हैंगर अगर जीत लगते हैं तो पाकिस्तान इसका जश्न मना सकता है।

भारत की तरफ से जवाबी भाषण देते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजनयिक पेतल गहलोत ने पाकिस्तान पर एक बार फिर आतंकवाद को महिमामंडित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद पाकिस्तान की विदेश नीति का केंद्र है और यह देश लगातार आतंकवादी संगठनों को संरक्षण देता आया है।

शहबाज शरीफ ने अपने भाषण में इस साल की शुरुआत में भारत द्वारा की गई “बिना उकसावे की आक्रामकता” का जिक्र किया, जिसे उन्होंने “ऑपरेशन सिंदूर” बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेनाओं ने इसे “शानदार पेशेवरता, बहादुरी और कुशलता” के साथ नाकाम किया। इसके जवाब में पेतल गहलोत ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान ने खुद भारत से लड़ाई रोकने की अपील की थी और उसके रनवे और सैन्य ढांचे को जो नुकसान हुआ, उसकी तस्वीरें उपलब्ध हैं।

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गहलोत ने पाकिस्तान पर अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान वही देश है जिसने कभी ओसामा बिन लादेन को वर्षों तक छिपा कर रखा और फिर दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ साझेदारी का दिखावा करता रहा।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान वास्तव में शांति चाहता है, तो उसे सभी आतंकी शिविर तुरंत बंद करने होंगे और भारत को उन आतंकियों को सौंपना होगा जिनकी भारत को तलाश है।

पानी के मुद्दे पर भी पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाए। शहबाज शरीफ ने सिंधु जल संधि के निलंबन को लेकर भारत पर हमला बोला और इसे पाकिस्तान के 240 मिलियन नागरिकों के अधिकारों का हनन बताया। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा इस संधि का उल्लंघन पाकिस्तान के लिए युद्ध जैसी कार्रवाई है। बता दें कि भारत ने यह संधि अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद निलंबित कर दी थी।

भारत ने पाकिस्तान को दो टूक कहा है कि झूठ और ड्रामे के सहारे सच्चाई को नहीं छिपाया जा सकता और अगर पाकिस्तान वाकई शांति चाहता है तो उसे सबसे पहले आतंकवाद का समर्थन बंद करना होगा।