सिंगापुर, 25 जुलाई (आईएएनएस)। सिंगापुर (Singapore) में एक भारतीय मूल के पुलिसकर्मी की मौत के बाद, पुलिस कार्यस्थल पर भेदभाव के उसके आरोपों की फिर से समीक्षा करेगी और स्वतंत्र समीक्षा के लिए अपने निष्कर्षों को अटॉर्नी-जनरल को भेजेगी।
पुलिस की यह कार्रवाई गृह मामलों और कानून मंत्री के षणमुगम द्वारा सिंगापुर पुलिस बल (एसपीएफ) से सार्जेंट उवरजा गोपाल द्वारा किए गए कार्यस्थल पर भेदभावों के दावों की जांच करने के लिए कहने के बाद आई है, जिनकी पिछले सप्ताह मृत्यु हो गई थी।
एसपीएफ ने एक बयान में कहा कि निष्कर्षों की आगे समीक्षा की जानी चाहिए या नहीं, इस पर निर्णय लेने के लिए निष्कर्ष षनमुगम को भी सौंपे जाएंगे।
36 वर्षीय गोपाल, जो यिशुन में एक आवासीय ब्लॉक के नीचे बेसुध पड़ा हुआ पाया गया था, उसकी सेवा में 10 साल से अधिक का समय था, और वह आखिरी बार आंग मो किओ पुलिस डिवीजन में एक अधिकारी थे।
मरने से पहले, गोपाल ने एक फेसबुक पोस्ट में, कहा था कि उसे कार्यस्थल पर उसके वरिष्ठों द्वारा धमकाया गया था और उसकी टीम के सदस्यों द्वारा नस्लीय दुर्व्यवहार किया गया।
उन्होंने दावा किया कि उन्होंने मदद मांगी, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली।
एसपीएफ ने एक बयान में संवेदना व्यक्त करते हुए और गोपाल के परिवार को उनकी सेवा के लिए धन्यवाद देते हुए कहा, ” उनके द्धारा लगाए गए सभी आरोपों की जांच की जा रही है।”
पुलिस ने कहा कि गोपाल द्वारा 2015 में लगाए गए नस्लीय भेदभाव के आरोप “निराधार” लगे।
एसपीएफ़ के दृष्टिकोण से, गोपाल के वरिष्ठों ने आकलन किया था कि उन्हें “काम पर पर्याप्त चुनौतियों” का सामना करना पड़ रहा था, और उनके वरिष्ठों द्वारा उन्हें कई तरीकों से मदद की गई थी।
उनके प्रदर्शन के मुद्दों को हल करने के लिए उन्हें कोचिंग प्रदान की गई, उनके अनुरोध पर, नौ वर्षों में छह अलग-अलग कार्य इकाइयों में स्थानांतरण दिए गए, और उनके अनुरोध पर 2015 से उनको अतिरिक्त छुट्टी दी गई।
पुलिस ने कहा कि 2016 के बाद से गोपाल की सेवा के दौरान विभिन्न बिंदुओं पर परामर्श और मनोवैज्ञानिक सहायता की भी व्यवस्था की गई थी।
पुलिस साक्षात्कारों से यह भी पता चला कि दिवंगत सार्जेंट का अपने परिवार के साथ तनाव था।
पुलिस ने कहा कि गोपाल की मां ने उनके खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी और कहा था कि उसे अपनी सुरक्षा को लेकर डर है, इसके बाद उनकी भाभी ने पुलिस सहायता के लिए फोन किया।
एसपीएफ़ के बयान में कहा गया है, “पुलिस इन आरोपों की फिर से समीक्षा और जांच करेगी, और निष्कर्षों को अटॉर्नी-जनरल के चैंबर में भेजेगी।”