रमन ने ‘फोड़ा’ 600 करोड़ का ‘घोटाला’!, दस्तावेज लेकर ‘आए सामने’, देखें VIDEO
By : madhukar dubey, Last Updated : March 17, 2023 | 2:45 pm
छत्तीसगढ़। विधानसभा में सरकारी राशन दुकानों में आपूर्ति किए जाने वाले चावल में 600 करोड़ के आपूर्ति (Supply of 600 crores in rice) का हिसाब-किताब नहीं होने का आरोप रमन सिंह (Raman Singh) ने लगाया है। इसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी देने के लिए विधानसभा के मीडिया कक्ष में डॉयरेक्टर की जांच रिपोर्ट के दस्तावेजों को लेकर सामने आए। उन्होंने कहा कि चावल ही नहीं नमक-गुड़ सहित अन्य सामग्रियों की आपूर्ति में भी गड़बड़ी पकड़ में आई है। कहा, आपूर्ति और राशन वितरण में भारी पैमाने पर गड़बड़ी की गई।
रमन ने अपने ट्विटर पर लिखा, रमन ने जांच रिपोर्ट का किया खुलासा, 600 करोड़ करोड़ चावल ही नहीं नमक-गुड़ में। रमन ने डॉयरेक्टर की रिपोर्ट पर दावा, चावल ही नहीं, 13 हजार 251 गड़बडि़यों की जांच की गई थी।
स्टॉक में भारी अंतर पाया है। जो रिपोर्ट संचालनय, लाखों राशन कार्डधारियों के चावल, नमक गुड़ दाऊ @bhupeshbaghel की भ्रष्ट सरकार का 500-600 करोड़ रुपयों का घोटाला आज सामने आया है। खाद्य विभाग के जिलों के डाटाबेस और बचत डाटाबेस में 68,900 मीट्रिक टन चावल गायब है। अब इस घोटाले पर शासन का मौन इस बात का प्रमाण है कि यह सरकार गरीबों के अधिकार को लूटने का काम कर रही है।
इसके पूर्व विधानसभा में इस तरह हु्ई बहस
रमन सिंह- पूर्ववर्ती सरकार के बने नियम का का पालन होता तो ब्लंडर नहीं होता । 600 करोड़ का घोटाला साबित होता है। 450 दुकादनदार जिसके पास 100 क्विंटल रखने का स्टॉक नहीं। उसके बड़ा स्टॉक गड़बड़ हुआ। शक्कर गुड़ और चना की तस्करी हो रही है ।
देश का बेहतर पीडीएस बिचाैलियों के हाथ में चला गया। छत्तीसगढ़ में नियम है कि वितरण अतिशेष है तो दुकानदार घोषणा पत्र देगा, वेबसाइट में डाटा एंंट्री होगी खाद्य निरिक्षक को जिम्मेदारी है। छोटी जांच की जरुरत नहीं है।
गरीब जनता के चावल का मामला है। विधायकों की कमेटी बनाकर जांच कराएं, अधिकारी जांच नहीं कर सकता। 68 हजार मेट्रिक टन में गड़बड़ी है। हर महीने स्टॉक का डाटा एंट्री नही की गई। इसको तो गंभीरता पूर्वक लेकर अध्यक्ष महाेदय आप निर्देशित करेंगे विधायकों की कमेटी बनाकर जांच करें।
दाऊ @bhupeshbaghel की भ्रष्ट सरकार का 500-600 करोड़ रुपयों का घोटाला आज सामने आया है, खाद्य विभाग के जिलों के डाटाबेस और बचत डाटाबेस में 68,900 मीट्रिक टन चावल गायब है।
अब इस घोटाले पर शासन का मौन इस बात का प्रमाण है कि यह सरकार गरीबों के अधिकार को लूटने का काम कर रही है। (1/2) pic.twitter.com/KRUziZzinY
— Dr Raman Singh (@drramansingh) March 17, 2023
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