‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की राह पर चला पाकिस्तान, बिलावल भुट्टो संभालेंगे ‘शांति मिशन’ की कमान

By : hashtagu, Last Updated : May 18, 2025 | 10:56 am

इस्लामाबाद: भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) से मिली गहरी चोट के बाद घबराए पाकिस्तान ने अब भारत की रणनीति की हूबहू नकल करते हुए अपना ‘शांति प्रतिनिधिमंडल’ विदेश भेजने का फैसला किया है। पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी को यह ज़िम्मेदारी सौंपी है कि वे वैश्विक मंचों पर जाकर पाकिस्तान का पक्ष रखें और कथित ‘शांति का पैगाम’ फैलाएं।

बिलावल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा, “आज सुबह प्रधानमंत्री सीएम शहबाज ने मुझसे संपर्क किया और अनुरोध किया कि मैं एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करूं, जो अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की ओर से शांति का पक्ष रखे। मैं इस चुनौतीपूर्ण समय में देश की सेवा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हूं।”

यह घटनाक्रम तब सामने आया है जब भारत ने पहलगाम आतंकी हमले और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए सात सांसदों के नेतृत्व में वैश्विक स्तर पर सशक्त राजनयिक अभियान छेड़ रखा है। कांग्रेस नेता शशि थरूर, भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद, असदुद्दीन ओवैसी, गुलाम नबी आजाद सहित विभिन्न दलों के नेता अमेरिका, यूरोप और पश्चिम एशिया के प्रमुख देशों में जाकर भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को मजबूती से रख रहे हैं।

भारत ने 7 मई को पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल और ड्रोन हमले कर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया था। इसके बाद 10 मई तक दोनों देशों के बीच भारी सैन्य तनाव रहा, जिसमें पाकिस्तान की कई वायुसेना ठिकानों और एयर डिफेंस यूनिट्स को निष्क्रिय कर दिया गया।

भारत की ओर से इस ऑपरेशन के बाद कोई सैन्य कार्रवाई न करने का निर्णय एक रणनीतिक सोच के तहत लिया गया। लेकिन पाकिस्तान, जो इस पूरे घटनाक्रम में लगातार झटका खा रहा था, अब भारत की कदम-कदम पर नकल करने में जुट गया है।

पहले प्रधानमंत्री मोदी द्वारा वायुसेना बेस दौरे की नकल करते हुए शहबाज शरीफ ने सियालकोट एयरबेस का दौरा किया और अब भारत के राजनयिक प्रतिनिधिमंडलों की तर्ज पर बिलावल भुट्टो को ‘शांति मिशन’ पर भेजने की योजना बना ली गई है।

हालांकि भारत ने पहले ही साफ कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ कोई भी वार्ता केवल आतंकवाद के मुद्दे पर ही होगी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दो टूक कहा कि सिंधु जल संधि भी तब तक स्थगित रहेगी जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह बंद नहीं करता। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि कश्मीर पर भारत सिर्फ एक ही मुद्दे पर चर्चा को तैयार है—पाक के कब्जे वाले कश्मीर को खाली कराने पर।

स्पष्ट है कि पाकिस्तान की ओर से यह नया ‘शांति मिशन’ महज एक रणनीतिक ‘कॉपी-पेस्ट’ है, जो भारत के कड़े और प्रभावी कदमों की काट तलाशने की कोशिश भर लगती है। अंतर बस इतना है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कर रहा है, जबकि पाकिस्तान सिर्फ बयानबाज़ी और दिखावटी दौरे कर रहा है।