अजा एकादशी 2025: व्रत को पूर्ण फलदायी बनाने के लिए इन गलतियों से बचें

By : hashtagu, Last Updated : August 18, 2025 | 1:11 pm

हिंदू धर्म (Hindu Dharm) में एकादशी व्रत को विशेष रूप से पवित्र और फलदायी माना गया है। हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी के रूप में मनाया जाता है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से मनुष्य सभी पापों से मुक्त होकर मोक्ष की प्राप्ति करता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में अजा एकादशी का व्रत 19 अगस्त, मंगलवार को रखा जाएगा, जबकि इसका पारण 20 अगस्त को होगा।

लेकिन इस व्रत को सफलता से सम्पन्न करने के लिए कुछ खास नियमों का पालन करना आवश्यक है। यदि इन नियमों का उल्लंघन होता है, तो व्रत का प्रभाव नष्ट हो सकता है। आइए जानते हैं कि अजा एकादशी के दिन कौन सी गलतियों से बचना चाहिए।

1. चावल का सेवन न करें

एकादशी व्रत के दिन चावल का सेवन वर्जित है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन चावल खाने से व्रत का प्रभाव समाप्त हो जाता है। अतः व्रती को इस दिन किसी भी रूप में चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।

2. तामसिक भोजन से बचें

व्रत के दिन केवल सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए। मांसाहार, मदिरा, प्याज, लहसुन और तामसिक वस्तुओं का सेवन व्रत को निष्फल कर सकता है। यह दिन तब फलदायी होता है जब शरीर और मन दोनों शुद्ध रहें।

3. बुराई और निंदा से बचें

एकादशी का अर्थ केवल भोजन का त्याग नहीं है, बल्कि यह दिन विचारों की पवित्रता का भी है। इस दिन किसी की निंदा, झूठ, चुगली या बुराई करना वर्जित है। मन को क्रोध, ईर्ष्या और द्वेष से दूर रखकर भगवान विष्णु का ध्यान करें।

4. बाल और नाखून न काटें

धार्मिक मान्यता है कि एकादशी के दिन बाल काटना, नाखून काटना या शेविंग करना शुभ नहीं माना जाता। ऐसा करने से व्रत का पुण्य नष्ट हो सकता है।

5. तुलसी का स्पर्श न करें

तुलसी का पौधा भगवान विष्णु को प्रिय है, लेकिन एकादशी के दिन तुलसी को स्पर्श नहीं करना चाहिए और न ही उसकी पत्तियां तोड़नी चाहिए। माना जाता है कि इस दिन तुलसी माता स्वयं व्रत रखती हैं। पूजा के लिए यदि तुलसी पत्तियों की आवश्यकता हो तो उन्हें एक दिन पहले ही तोड़कर रख लेना उचित होता है।

6. दिन में न सोएं

एकादशी के दिन दिन में सोना अशुभ माना जाता है। इस दिन यथासंभव भगवान विष्णु के भजन-कीर्तन में समय बिताएं। जो साधक रातभर जागरण करता है और प्रभु का ध्यान करता है, उसे विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

अजा एकादशी का व्रत केवल पापों से मुक्ति दिलाने वाला नहीं, बल्कि यह साधक को मोक्ष के मार्ग पर भी अग्रसर करता है। इसलिए इस व्रत को श्रद्धा और नियमों के साथ पूरी ईमानदारी से करें।