वर्ल्ड कप जीत से बेटी ने लौटाई पिता की इज़्ज़त — क्रांति गौड़ के प्रदर्शन के बाद बहाल हुई पुलिस से हटाए गए पिता की नौकरी
By : dineshakula, Last Updated : November 9, 2025 | 8:44 pm
By : dineshakula, Last Updated : November 9, 2025 | 8:44 pm
भोपाल (मध्य प्रदेश): भारतीय महिला क्रिकेट टीम की तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ (Kranti Goud) अब सिर्फ मैदान की नहीं, बल्कि भावनाओं की भी हीरो बन गई हैं। वर्ल्ड कप जीतने के बाद उनकी सबसे बड़ी ख्वाहिश पूरी हो गई — उनके पिता की पुलिस सेवा में वापसी।
क्रांति गौड़ के पिता मुन्ना सिंह यादव, छतरपुर जिले में पुलिसकर्मी थे, जिन्हें वर्ष 2012 में एक कथित त्रुटि के कारण नौकरी से हटा दिया गया था। इसके बाद परिवार ने आर्थिक तंगी में कई कठिन साल गुज़ारे। क्रांति ने एक साक्षात्कार में कहा था कि उनका सपना सिर्फ भारत के लिए खेलने का नहीं, बल्कि “पिता को न्याय और सम्मान दिलाने का” है।
अब यह सपना सच हो गया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल स्थित सीएम हाउस में आयोजित सम्मान समारोह में घोषणा की कि मुन्ना सिंह यादव को पुलिस विभाग में पुनः बहाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “क्रांति ने पूरे देश को गौरवान्वित किया है। उसका परिवार भी इस सम्मान का हकदार है।”
क्रांति गौड़ ने इस वर्ल्ड कप में भारत के लिए शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 8 मैचों में 9 विकेट लिए, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ सबसे बेहतरीन स्पेल — 3 विकेट देकर सिर्फ 20 रन दिए। न्यूजीलैंड के खिलाफ अहम मुकाबले में भी उन्होंने 2 विकेट झटके। वहीं, सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाज एलिसा हीली को आउट करके भारत को मजबूत शुरुआत दिलाई।
क्रांति ने कहा, “मैंने वादा किया था कि एक दिन पापा का सम्मान वापस दिलाऊंगी। आज यह वर्ल्ड कप सिर्फ मेरी जीत नहीं, मेरे पिता की इज़्ज़त की वापसी है।”
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि 15 नवंबर, जिसे राज्य में जनजातीय गौरव दिवस (Tribal Pride Day) के रूप में मनाया जाता है, उस दिन जबलपुर में क्रांति गौड़ को विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा।
क्रांति की कहानी अब सिर्फ खेल की नहीं, बल्कि साहस, संघर्ष और सम्मान की मिसाल बन चुकी है।