प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का निधन, रायपुर एम्स में 89 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
By : ira saxena, Last Updated : December 23, 2025 | 7:28 pm
रायपुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ और प्रख्यात हिंदी साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल (Vinod Kumar Shukla) का मंगलवार को रायपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे। शाम करीब 4 बजकर 58 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की पुष्टि परिजनों और अस्पताल प्रशासन ने की है।
विनोद कुमार शुक्ल पिछले कुछ दिनों से गंभीर रूप से अस्वस्थ थे। सांस लेने में तकलीफ के चलते उन्हें 2 दिसंबर को एम्स रायपुर में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के अनुसार वे इंटरस्टिशियल लंग डिजीज (ILD) सहित अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे और इलाज के दौरान वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे।
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात लेखक विनोद कुमार शुक्ल जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। हिन्दी साहित्य जगत में अपने अमूल्य योगदान के लिए वे हमेशा स्मरणीय रहेंगे। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।
— Narendra Modi (@narendramodi) December 23, 2025
विनोद कुमार शुक्ल का जन्म 1 जनवरी 1937 को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में हुआ था। हिंदी कविता, उपन्यास और कथा साहित्य में उनका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। उनकी लेखन शैली सरल, संवेदनशील और आम जीवन से जुड़ी रही। उनके प्रमुख साहित्यिक कार्यों में ‘नौकर की कमीज़’, ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ और ‘खिलेगा तो देखेंगे’ शामिल हैं।
हिंदी साहित्य में विशिष्ट योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2024 में 59वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया था। वे यह सम्मान पाने वाले छत्तीसगढ़ के पहले लेखक थे। उनके सम्मान की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनसे फोन पर बातचीत कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली थी।
परिजनों के अनुसार, उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए निवास पर लाया जाएगा। अंतिम संस्कार की तिथि और समय की जानकारी बाद में दी जाएगी। विनोद कुमार शुक्ल के निधन से हिंदी साहित्य जगत और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक दुनिया को अपूरणीय क्षति हुई है।
महान साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल जी का निधन एक बड़ी क्षति है। नौकर की कमीज, दीवार में एक खिड़की रहती थी जैसी चर्चित कृतियों से साधारण जीवन को गरिमा देने वाले विनोद जी छत्तीसगढ़ के गौरव के रूप में हमेशा हम सबके हृदय में विद्यमान रहेंगे।
संवेदनाओं से परिपूर्ण उनकी रचनाएँ पीढ़ियों… pic.twitter.com/47mFIzFYBc
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) December 23, 2025