रायपुर: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल (Chaitanya Baghel) की कुल 61.20 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क कर दी है। अधिकारियों के अनुसार, इस कार्रवाई में 364 आवासीय प्लॉट और कृषि भूमि के टुकड़े शामिल हैं, जिनकी कीमत लगभग 59.96 करोड़ रुपए है। इसके अलावा 1.24 करोड़ रुपए की चल संपत्तियां जैसे बैंक बैलेंस और फिक्स्ड डिपॉजिट भी अटैच की गई हैं।
शराब घोटाले की जांच अब तक 276 करोड़ रुपए की अटैच संपत्ति तक पहुंच चुकी है, जबकि इस घोटाले से कुल अवैध कमाई लगभग 2500 करोड़ रुपए आंकी गई है।
ED की जांच और खुलासे:
ईडी ने यह कार्रवाई एसीबी ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर की। एफआईआर में आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराओं के तहत मामला दर्ज था। जांच में सामने आया कि चैतन्य बघेल शराब सिंडिकेट का शीर्ष नेतृत्व करता था। उसके राजनीतिक प्रभाव और स्थिति के कारण पूरे नेटवर्क के फैसले वही लेता था।
सिंडिकेट की अवैध कमाई का पूरा हिसाब-किताब भी चैतन्य के पास था। कलेक्शन, चैनलाइजेशन और वितरण से जुड़े सभी बड़े फैसले उसकी मंजूरी से लिए जाते थे।
अवैध कमाई को रियल एस्टेट में लगाया:
ईडी के अनुसार, चैतन्य बघेल ने शराब घोटाले से अर्जित रकम को अपने रियल एस्टेट बिजनेस में निवेश किया और इसे वैध संपत्ति के रूप में दिखाने की कोशिश की। इस रकम को उन्होंने अपनी फर्म एम/एस बघेल डेवलपर्स के प्रोजेक्ट ‘विठ्ठल ग्रीन’ में लगाया।
चैतन्य बघेल को 18 जुलाई 2025 को गिरफ्तार किया गया था और वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।