रायपुर। अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala’s life prestige) में छत्तीसगढ़ से सिर्फ 214 लोग आमंत्रित हैं। इसमें 64 साधु-संत हैं। इसके बाद विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के देशभर से 44 प्रांतों को अयोध्या (Ayodhya to 44 provinces) जाने का मौका मिलेगा। हर दिन सिर्फ दो प्रांतों को ही बुलाया गया है। एक प्रांत से सिर्फ 2,000 कार्यकर्ताओं और विशिष्ट अतिथि को शामिल होने का मौका मिलेगा। छत्तीसगढ़ प्रांत से 4 फरवरी को पहली विशेष ट्रेन अयोध्या के लिए रवाना होगी।
5 फरवरी को सुबह ये लोग अयोध्या पहुंचेंगे। दिन भर दर्शन करने के बाद ये ट्रेन शाम को रायपुर के लिए वापस लौट आएगी। इसके टिकट के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। केवल विश्व हिंदू परिषद को इस ट्रेन में टिकट करने की आईडी दी जाएगी। 18 फरवरी के बाद छत्तीसगढ़ सरकार एक महीने तक लोगों को विशेष ट्रेन से दर्शन के लिए ले जाने की प्लानिंग कर रही है।
विहिप के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मिलकर 22 जनवरी को सरकारी छुट्टी घोषित करने की मांग की है। उनका कहना है कि इस दिन सरकारी कार्यालय में अवकाश हो, लेकिन कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
विहिप के प्रदेश कार्याध्यक्ष चंद्रशेखर वर्मा ने बताया कि हर प्रांत के लिए एक विशेष कलर का आईडी कार्ड बनाया जा रहा है। हर प्रांत के लिए एक विशेष ट्रेन दी जा रही है। अयोध्या पहुंचने के बाद यही कार्ड हमारे प्रांत की पहचान होगा। 2000 लोगों में बचे हुए साधु-संत, समाज प्रमुख, कार्यसेवक और दलित-आदिवासी बस्तियों के लोगों को भी शामिल किया गया है। प्रदेश में विहिप के 34 जिला केंद्र हैं। हर जिले से 7-8 लोगों को ही शामिल किया जाएगा। इसमें अगर कोई अपने वाहन से जाना चाहता है, तो उसकी छूट भी होगी।
इस स्पेशल ट्रेन में एसी से लेकर जनरल तक की बोगियां लगाई जाएंगी। विहिप के प्रदेश मंत्री घनश्याम चौधरी ने बताया कि गरीब को छोड़ हर किसी को टिकट के पैसे देने होंगे। ट्रेन के लिए रेलवे हमें स्पेशल आईडी देगा। उसी से सभी के टिकट किए जाएंगे। इस ट्रेन में एक तरफ का टिकट नहीं किया जाएगा। रेलवे विभाग से बातचीत फाइनल हो गई है, जल्द ही वे ट्रेन का नंबर और डिटेल बताएंगे। आम आदमी इस ट्रेन का टिकट नहीं कर पाएंगे।
विहिप ने एक जनवरी से घर-घर अक्षत, निमंत्रण पत्र और रामलला का प्रस्तावित मंदिर चित्र देना शुरू कर दिया है। चंद्रशेखर वर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ के 19,720 गांवों के 65 लाख घरों तक हमारे कार्यकर्ता पहुंचेंगे। हम सबसे अनुरोध कर रहे हैं कि सुबह 10 से 1 बजे तक मंदिरों, घरों में कीर्तन करें।
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