छत्तीसगढ़। (Chhattisgarh) इस साल ४ नए सरकारी मेडिकल कॉलेज (Medical college) खोले जाएंगे। कवर्धा व जांजगीर-चांपा में कॉलेज के लिए जमीन मिल गई है। वहीं मनेंद्रगढ़ व दंतेवाड़ा में जमीन की तलाश की जा रही है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के चारों कॉलेज के लिए शासन को प्रस्ताव भी भेज दिया गया है। आने वाले दिनों में नेशनल मेडिकल कमीशन को भी इसकी जानकारी भेजी जाएगी। ६० फ़ीसदी फंड केंद्र सरकार देगी ४ नए मेडिकल कॉलेज खुलने से प्रदेश में एमबीबीएस की सीटों की संख्या १८२० से बढ़कर २३२० हो जाएगी।
छत्तीसगढ़ प्रदेश में एमबीबीएस की सीटों को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ समेत दूसरे राज्यों में नए मेडिकल कॉलेज खोल रही है। प्रदेश में नए चार कॉलेज प्रस्तावित है। कवर्धा में अक्टूबर में ही ४० एकड़ जमीन फाइनल कर ली गई है। वही जांजगीर-चांपा में १२५ एकड़ जमीन देखी गई है। जल्द ही यह भी फाइनल होने वाला है। मनेंद्रगढ़ वह दंतेवाड़ा में भी जमीन की तलाश की जा रही है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश में पिछले २ साल में ५ नए मेडिकल कॉलेज खुले हैं। इसमें एमबीबीएस की ७२५ सीटें बढ़ी हैं। इसका फायदा यह हुआ की कट ऑफ गिर गया । पहली बार रायपुर में नीट स्कोर ५८० वाले का एडमिशन हुआ। अन्य कालेजों में ५१० अंक वालों का भी एडमिशन हुआ चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ विमल राय, बाल हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रमन श्रीवास्तव ने अनुसार एमबीबीएस की सीटें बढ़ने से कट ऑफ और गिरेगा। इसका फायदा नीट की तैयारी कर रहे छात्रों को होगा। कॉलेज बढ़ने के बाद कॉलेजों में पर्याप्त संसाधन की जरूरत पड़ेगी।
छत्तीसगढ़ प्रदेश में २०२३ में ४ नए कालेज खुलने के बाद सरकारी की संख्या १० से बढ़कर १४ कॉलेज हो जाएगी।अभी रायपुर के अलावा बिलासपुर, रायगढ़, अंबिकापुर, जगदलपुर, राजनांदगांव ,कांकेर, महासमुंद, कोरबा, व दुर्ग,में मेडिकल कॉलेज चल रहा है। इसके अलावा रायपुर में २ व भिलाई में एक निजी कॉलेज हैं। इन कॉलेजों में एमबीबीएस सीटों की संख्या १८२० है। १०० सीटों के कालेज में २५ सीटें ईडब्ल्यूएस को मिलती है। कालेजों को मान्यता मिलती है तो कुल ५०० सीटें बढ़ जाएंगी। हालांकि जानकारों का कहना है कि ४ न दो या इससे अधिक कालेजों की मान्यता मिलती मिल सकती है।
नए सरकारी कॉलेज खुलने से फीस बहुत कम रहेगा। विद्यार्थियों को इसका सीधा फायदा मिलेगा। गरीब विद्यार्थी निजी कॉलेजों की महंगी फीस जमा नहीं कर पाते हैं। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में १ साल की ट्यूशन फीस महज ₹४० हजार है। १० हजार हॉस्टल फीस के साथ ₹५० हजार एक बार में जमा कराना होता है। दूसरी ओर निजी कालेजों में १ साल की ट्यूशन फीस ६ लाख से ६ लाख ४० हजार सालाना है। इसमें हॉस्टल ट्रांसपोर्टिंग खर्च अलग से लिया जाता है। यानी १२ लाख रुपए फीस ली जाती है। हालांकि निजी प्रबंधकों का कहना है कि खर्च के हिसाब से या फीस भी पर्याप्त नहीं है।
डॉक्टर विष्णु दत्त डीएमई छत्तीसगढ़ का कहना है, कवर्धा व जांजगीर-चांपा में जमीन मिल गई है। बाकी दो स्थानों पर जमीन की तलाश की जा रही है। नए कालेज खुलने से एमबीबीएस की सीटें बढ़ेंगी। इसका फायदा प्रदेश के छात्रों को होगा। सारी तैयारी पूरी होने के बाद एनएमसी को निरीक्षण के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा।