KTU के ‘प्रोफेसर’ पर 420 का केस!, फर्जी ‘प्रमाण पत्र’ से चल रही नौकरी

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र (fake experience certificate) के सहारे नौकरी पाने वाले एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शाहिद अली (Associate Professor Dr. Shahid Ali) पर मुजगहन थाना में

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  • Updated On - April 20, 2023 / 03:35 PM IST

रायपुर। पत्रकारिता विश्वविद्यालय में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र (fake experience certificate) के सहारे नौकरी पाने वाले एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शाहिद अली (Associate Professor Dr. Shahid Ali) पर मुजगहन थाना में धारा 420, 467, 468, 471 एवं धारा 34 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की गई है। इसके पूर्व साल 2011 में भी आरोपी के खिलाफ पुरानी बस्ती थाने में शिकायत दर्ज हुई थी।

मिली जानकारी के अनुसार शाहिद अली ने गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में पदस्थ अपनी पत्नी गोपा बागची से फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र बनवाया था। जांच में सामने आया कि गुरुघासीदास विश्वविद्यालय द्वारा ऐसा कोई भी प्रमाण पत्र आधिकारिक तौर पर शाहिद अली को जारी नहीं किया गया है। शाहिद अली द्वारा अपनी कूट रचना को छुपाने के लिए लगातार विश्वविद्यालय प्रबंधन पर दबाव बना रहे थे। इसके लिए उनके द्वारा विश्वविद्यालय प्रबंधन पर कई याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की गई।

उनके द्वारा कुलपति, कुलसचिव के पद एवं उनकी व्यक्तिगत छवि खराब करने के लगातार प्रयास किए गए। सोशल मीडिया पर उनके द्वारा कुलपति पर अनेक अमर्यादित टिप्पणी की हैं। मिली जानकारी में उनके द्वारा विश्विद्यालय के आदेशों एवं निर्णयों का भी पालन नहीं किया गया। बताया गया है कि कुलपति एवं कुलसचिव को हटाने का उन्होंने मोर्चा खोला हुआ है। जिससे उनके द्वारा कि गई कूट रचना का पर्दाफाश ना हो सके। शाहिद अली अपनी पदोन्नति को लेकर कुलपति पर लगातार दबाव बना रहे थे। उच्च शिक्षा विभाग से प्राप्त निर्देशों के कारण शाहिद अली की पदोन्नति नहीं हो पा रही थी। इस कारण उन्होंने कुलपति के खिलाफ व्यक्तिगत रंजिश का रूप देते हुए दुष्प्रचार का मोर्चा खोल रखा है।

शिकायतकर्ता छेड़छाड़ का आरोपी

शाहिद अली के खिलाफ शिकायत करने वाले शैलेंद्र खंडेलवाल के खिलाफ इससे पहले यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज करवाई थी । छात्र ने दावा किया था कि अपने कमरे में बुलाकर शैलेंद्र खंडेलवाल ने उसके साथ अश्लील हरकतें की खंडेलवाल को फिलहाल जमानत मिल चुकी है।

इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)