छत्तीसगढ़ की 6791 आदिवासी बहुल गांवों का होगा कायाकल्प

देशभर के जनजातीय बहुल गांवों में निवास करने वाले जनजातीय परिवारों को समग्र विकास के साथ-साथ बेहतर सुविधाएं देने के लिए आगामी 2 अक्टूबर से एक

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  • Updated On - October 1, 2024 / 08:18 PM IST

    जनजातीय समाज को बेहतर सुविधाएं देने देशभर में चलेगा उन्नत ग्राम अभियान
 देशभर के जनजातीय बहुल गांवों में निवास करने वाले जनजातीय परिवारों(Tribal families) को समग्र विकास के साथ-साथ बेहतर सुविधाएं देने के लिए आगामी 2 अक्टूबर से एक बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी झारखंड से प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान(Tribal Advanced Village Campaign) (धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान) की शुरूआत करने जा रहे हैं। अभियान के तहत गांव में बुनियादी ढांचे में सुधार, आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य के मानकों को भी शामिल किया गया है। यह योजना देश के 63 हजार जनजातीय बहुल गांवों में चलाई जाएगी। 
प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हाल में ही आयोजित केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में देश के जनजातीय बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों के लिए परिपूर्णता लक्ष्य को अपनाकर जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान को मंजूरी दी गई है। इस मिशन में 79,156 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। यह योजना केन्द्र और राज्य सरकार के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही है।
छत्तीसगढ़ में लगभग 32 प्रतिशत जनजातीय जनसंख्या निवास करती है। इस अभियान के क्रियान्वयन के लिए 32 जिलों के 138 विकासखण्डो के 6691 आदिवासी बहुल गांव का चयन किया गया है। चयनित गांव में बुनियादी सुविधाओं के विकास के साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक, उन्नति के कार्य किए जाएंगे। जनजातीय बहुल इलाकों को देश की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए चलाए जा रहे इस महत्वाकांक्षी मिशन के क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ में संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी 02 अक्टूबर को झारखण्ड़ के हजारीबाग में आयोजित समारोह में इस योजना का शुभारंभ करेंगे। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले की लखपति दीदी मानकुंवर बाई और परिवारजन प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी से कार्यक्रम में मुलाकात करेंगी।  मोदी बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के राजपुर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को वर्चुअली सम्बोधित करेंगे। इस मौके पर राजपुर में मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय सहित अन्य अतिथिगण शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान का उद्देश्य भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका में महत्वपूर्ण अंतराल को भरना और पीएम जनमन की सीख और सफलता के आधार पर जनजातीय क्षेत्रों एवं समुदायों का समग्र और सतत विकास सुनिश्चित करना है।
केन्द्रीय बजट में की गई घोषणा के अनुसार देश में आदिवासी बहुल क्षेत्रों के  63,000 गांव शामिल होंगे, जिससे 5 करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों को लाभ होगा। इसमें 30 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के जनजातीय बहुल 549 जिले और 2,740 ब्लॉक के गांव शामिल होंगे। इस मिशन में 25 कार्यक्रम शामिल हैं, जिन्हें 17 मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा। प्रत्येक मंत्रालय-विभाग अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना के तहत उन्हें आवंटित धनराशि के माध्यम से अगले 5 वर्षों में समयबद्ध तरीके से योजना का क्रियान्वयन करेंगे।
बुनियादी ढांचे का विकास 
मिशन के तहत पात्र अनुसूचित जनजाति परिवारों को पीएमएवाई (ग्रामीण) के तहत नल के पानी और बिजली आपूर्ति की उपलब्धता के साथ पक्के आवास मिलेंगे। इन परिवारों को आयुष्मान भारत कार्ड से भी जोड़ा जाएगा। जनजाति बहुल गांवों के लिए सभी मौसम में बेहतर सड़क संपर्क के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कों का निर्माण कराया जाएगा।  भारत नेट परियोजना के अंतर्गत मोबाइल कनेक्टिविटी और इंटरनेट की सुविधा पहुचाई जाएगी। स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा में सुधार के लिए बुनियादी ढांचा सुनिश्चित किया जाएगा।
आर्थिक सशक्तिकरण
जनजाति समुदाय के छात्र-छात्राओं को हर साल 10वीं-12वीं कक्षा के बाद दीर्घकालिक कौशल पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण की व्यवस्था, इसके अलावा, जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र के माध्यम से विपणन सहायता, पर्यटक गृह प्रवास, एफआरए पट्टा धारकों को कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।
शिक्षा और स्वास्थ्य
स्कूल और उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात को राष्ट्रीय स्तर तक बढ़ाना और जिला, ब्लॉक स्तर पर स्कूलों में जनजातीय छात्रावासों की स्थापना करके जनजातीय छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को मिशन के तहत सुलभ बनाया जाएगा। जनजातीय परिवारों की गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करना, शिशु मृत्यु दर, मातृत्व मृत्यु दर में राष्ट्रीय मानकों को हासिल करना और उन स्थानों, जहां स्वास्थ्य उपकेंद्र मैदानी क्षेत्रों में 10 किमी से अधिक और पहाड़ी क्षेत्रों में 5 किमी से अधिक दूरी पर है, वहां मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से टीकाकरण की सुविधा दी जाएगी।
     जी.एस. केशरवानी, उप संचालक
   आनंद प्रकाश सोलंकी, सहायक संचालक