छत्तीसगढ़। प्रदेश के पवित्र तीर्थ (Rajim) राजिम में 25 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहुंचे थे। यह राम वन गमन पर्यटन परिपथ योजना (Ram Van Gaman Tourism Circuit Scheme) के तहत यहां श्रीराम की तीसरी प्रतिमा है। इस दौरान पत्रकारों से चर्चा करते हुए भूपेश ने कहा कि भाजपा के राम युद्धक और हनुमान आक्रमक नजर आते है। जबकि हमारे राम वनवासी हैं, वो छत्तीसगढ़ियों के भांचा राम हैं, शबरी के राम है, कौशल्या के राम हैं। भाजपा राम के नाम पर राजनीति करती है, भाजपा राम के बताए मार्ग की बजाए वोट बैंक के रूप में राम के नाम का इस्तेमाल करती है। हम राम के नाम पर राजनीति नहीं करते हैं।
उन्होंने राजभवन में अटके बिल को लेकर जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं फिर राज्यपाल से निवेदन कर रहा हूं। वो बिल में हस्ताक्षर कर दें। बिल रोकने की वजह से युवाओं का नुकसान हो रहा है। उन्होंने रमन सिंह के बयन पर पलटवार करते हुए कहा कि सबसे ज्यादा चर्चा तो उनके समय में चर्च बने हैं। मेरे पास सूची है। अब वो हम पर आरोप लगा रहे हैं।
पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया, भगवान राम की इस मूर्ति को पांच महीने की अल्पावधि में तैयार किया गया है। इस भव्य मूर्ति को तैयार करने में ओडिशा के २० शिल्पकारों ने मुख्य भूमिका निभाई है। इसे हाथ से तराश कर छत्तीसगढ़ के बिल्हा स्टोन से निर्मित किया गया है। मूर्ति को आठ फीट ऊंचे चबूतरे पर स्थापित किया गया है। सरकार की राम वनगमन पर्यटन परिपथ योजना में त्रिवेणी संगम राजिम भी शामिल है। यहां पर विकास के लिए राज्य सरकार ने १३ करोड़ १२ लाख रुपए की स्वीकृति दी है। इससे पहले कौशल्या माता मंदिर चंदखुरी और शिवरीनारायण में भगवान राम की इस तरह की प्रतिमा स्थापित की जा चुकी है।
राजिम-चौबेबांधा-नवागांव मार्ग चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण और ३.७ किलोमीटर लंबे लक्ष्मण झूला पहुंच मार्ग का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष चित्ररेखा साहू, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राम सुंदर दास और क्षेत्रीय विधायक अमितेश शुक्ला मौजूद रहे।