छत्तीसगढ़। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने आरक्षण के मुद्दे पर विपक्षी विधायकों को जवाब भी दिया। उन्होंने आरक्षण (Reservation) के मुद्दे पर कहा-सच के लिए हम लड़ेंगे। चाहे जिस सीमा तक जाना हो, जायेंगे। उन्होंने आगे एक शेर भी पढ़ा-‘जिंदा हैं तो जिंदा नजर आना जरूरी है। बात उसूलों की आ जाए तो टकराना भी जरूरी है’।
CM ने कहा- यही लोग राजभवन के प्रवक्ता बने हुए थे। पवित्र सदन में ही आरक्षण तय हुआ। हमने आबादी के अनुपात में आरक्षण का प्रावधान किया। विधानसभा से पारित बिल पर अगर सवाल हो तो एक बार हमने जवाब दिया, लेकिन इसके बाद भी हस्ताक्षर न हो तो, हमारी भी सीमा है। इसलिए हमको कोर्ट जाना पड़ा।
उन्होंने सदन में सबसे पहले कहा-राज्यपाल का अभिनंदन करता हूं। राज्यपाल पहली बार आए और विपक्ष के साथियों ने जिस प्रकार टोका टिप्पणी की, यहां तक कि उनकी भाषा पर भी टिप्पणी की। यह दुर्भाग्यजनक है। केंद्र और राज्य का विषय हो तो राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा बिल को। राज्यपाल ने सार्वजनिक बयान दिया था की अध्यादेश लाइे या सदन में बिल पास कीजिए। एक घंटे में पारित करूंगी। फिर भी राज्यपाल के अधिकारों का दुरुपयोग किया गया। इसके बाद बीजेपी के अजय चंद्राकर ने पूछा- क्या दुरुपयोग हुआ। यह आपत्तिजनक है। कौन दुरुपयोग किया यह
राज्यपाल के खिलाफ मामला कोर्ट में जाने को लेकर सदन में पक्ष विपक्ष के बीच तीखी तकरार देखने को मिली। बृजमोहन ने कहा- राज्यपाल संवैधानिक प्रमुख हैं। उनके अधिकारों पर चर्चा नहीं कर सकते हैं। सदन के वे सर्वोच्च हैं। हम यहां कृतज्ञता ज्ञापन देने के लिए यहां है। CM बघेल ने कहा- शुरुआत इन्होंने की। इसके बाद गुस्साए भाजपा विधायकों ने वॉकआउट कर दिया।