अमित शाह बस्तर मुरिया दरबार में होंगे शामिल, 145 साल पुरानी परंपरा में पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री की मौजूदगी
By : dineshakula, Last Updated : October 3, 2025 | 12:08 pm
बस्तर, छत्तीसगढ़: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) दो दिन के छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं। वे 3 अक्टूबर की शाम रायपुर पहुंचे और 4 अक्टूबर को सुबह 11 बजे के करीब बस्तर पहुंचे। यहां वे विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरे की समापन परंपरा ‘मुरिया दरबार’ में शामिल हुए।
अमित शाह का मुरिया दरबार में शामिल होना इसलिए खास है क्योंकि यह परंपरा करीब 145 साल पुरानी है और किसी केंद्रीय गृह मंत्री की इसमें पहली बार भागीदारी है। इस परंपरा में बस्तर क्षेत्र के आदिवासी प्रतिनिधि अपने इलाकों की समस्याएं रखते हैं और उनका समाधान खोजने की कोशिश की जाती है।
बस्तर सांसद और दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप ने बताया कि यह दरबार दशहरे के अंतिम चरण का अहम हिस्सा है और इसे पहली बार 8 मार्च 1876 को आयोजित किया गया था। उस समय सिरोंचा के डिप्टी कमिश्नर मेक जार्ज ने इसे शुरू किया था।
आस्था, जनजातीय संस्कृति एवं परंपरा का जीवंत प्रतीक है बस्तर दशहरा। 75 दिनों तक चलने वाले इस भव्य उत्सव की पूरे विश्व में प्रसिद्धि है।
600 वर्ष से अधिक पुरानी इस परंपरा के साक्षी बनने केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी भी बस्तर आ रहे हैं, जहाँ 4 अक्टूबर को आयोजित… pic.twitter.com/oOO9SlJILU
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) September 25, 2025
रियासती काल में राजा अपने राज्य के परगनों में मांझी यानी मुखिया नियुक्त करते थे जो मुरिया दरबार में अपने क्षेत्र की समस्याएं राजा के सामने रखते थे। आजादी के बाद इस परंपरा का स्वरूप बदला। अब इसमें चुने गए जनप्रतिनिधि, अधिकारी और मुख्यमंत्री तक शामिल होते हैं।
मुरिया दरबार में बस्तर संभाग के 80 परगनों के मांझी, चालकी और अन्य प्रतिनिधि पहुंचते हैं और वे सीधे प्रशासन के सामने अपनी बात रखते हैं। 2015 से बस्तर के राजपरिवार के कमलचंद्र भंजदेव भी दोबारा इस परंपरा में शामिल हो रहे हैं।
इस साल पहली बार भारत सरकार के गृह मंत्री खुद इस परंपरा में शामिल हुए, जिससे इसकी महत्ता और अधिक बढ़ गई है। अमित शाह की मौजूदगी से बस्तर की सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।


