बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा (Balodabazar violence), आगजनी मामले में पुलिस ने कोर्ट में महत्वपूर्ण चालान पेश किया, जिसमें जिला संयुक्त कार्यालय में हुई आगजनी की घटना से संबंधित दस्तावेज हैं. पुलिस सिटी कोतवाली थाना में दर्ज 13 एफआईआर में 10 चालान पहले ही पेश कर चुकी है। वहीं संयुक्त जिला कार्यालय और पुलिस अधीक्षक कार्यालय को जलाए जाने के दो मामलों में 61 आरोपी बनाए गए थे, जिसका चालान पेश किया गया.
एसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि इस घटना की जांच करने दस्तावेज बनाने में ही लगभग 70 विवेचकों ने दिन रात मेहनत की है, जिसका परिणाम है कि इतनी बड़ी घटना का हम साक्ष्य संकलन के साथ दस्तावेज बनाने में कामयाब हुए हैं। कम समय में लगातार चालान न्यायालय में प्रस्तुत कर रहे हैं. अभी भी जांच प्रक्रिया प्रारंभ है।
बता दें कि ग्राम महकोनी में 15 व 16 मई की दरम्यान रात अमरगुफा के जैतखाम काटे जाने के बाद सतनामी समाज का गुस्सा फुटा था और पुलिस ने आनन फानन में बिहार के तीन मजदूरों को आरोपी बनाकर न्यायालय में पेश कर मामले का पटाक्षेप किया था, पर समाज के लोग इससे संतुष्ट नहीं हुए और सीबीआई जांच की मांग की. धीरे धीरे यह क्रोध ज्वालामुखी बन गया और 10 जून को आगजनी की घटना घटी, जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी. इस पूरे घटनाक्रम को किसने तुल दिया, किसका मार्गदर्शन रहा, किसने बाहरी लोगों को बुलाया, किसने इतने बड़े आयोजन के लिए चंदा दिया और किसने भीड़ को इस तरह के कार्य के लिए उकसाया, यह जांच का विषय है। फिलहाल घटना के बाद शासन-प्रशासन जांच में जुटी. अब तक 183 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल दाखिल किया है, जिसमें विभिन्न संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी के साथ कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव शामिल हैं, जो अभी जेल के सलाखों के पीछे न्यायिक हिरासत में हैं।
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