बजट के पूर्व ‘भाकि संघ’ ने सरकार के खिलाफ ‘खोला मोर्चा’

एक मार्च को विधानसभा में प्रस्तुत होने वाले संभावित बजट के पूर्व भारतीय किसान संघ (Bhartiya Kisan Sangh) ने मोर्चा खोल दिया है।

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  • Publish Date - February 28, 2023 / 03:48 PM IST

छत्तीसगढ़। एक मार्च को विधानसभा में प्रस्तुत होने वाले संभावित बजट के पूर्व भारतीय किसान संघ (Bhartiya Kisan Sangh) ने मोर्चा खोल दिया है। दो वर्ष के बोनस के वादे, रबी फसलों की खरीदी, धान प्रति एकड़ 20 क्विंटल लेने आदि मुद्दों पर धरना प्रदर्शन (Demonstration) किया। बुढ़ातालाब स्थित धरना स्थल पर लगभग 18 जिलों से आए किसानों ने अपने अधिकार के लिए सरकार को उसके किये वादों को याद कराया।

किसान नेताओं ने कहा-सरकार अपना रही दोहरा चरित्र

भारतीय किसान संघ के जिलों से कार्यकर्ताओं ने सरकार को जमकर कोसा। गरियाबंद के भुवनेश्वर साहू ने कहा की सरकार का दोहरा चरित्र है, एक ओर किसानों को बोनस देती है दूसरी ओर गांव-गांव में शराब की बिक्री कराकर किसान की जेब खाली करती है।

इसी तरह बिलासपुर के जिलाध्यक्ष धीरेन्द्र दूबे ने पावर प्लांट के लिए अधिग्रहित किसानों की भूमि पर वर्षों से कोई उद्योग नहीं लगे हैं ना कोई रोजगार के अवसर उन किसानों को मिले हैं जिनकी भूमि अधिग्रहीत हुई है। ऐसे किसानों को लोहंडीगुड़ा की तर्ज पर उनकी भूमि वापस दिलाई जाए।

कुरुद के लालाराम चंद्राकर ने खाद की कालाबाजारी, नकली खाद पर सरकार से कहा प्रशासन में भर्राशाही चल रही है नकली खाद बनाने वालों पर कोई कार्यवाही आज तक नहीं की गई है।

खेतों की सिंचाई के लिए संसाधनों की मांग रखी

भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने अधिकार रैली के मंच से प्रदेश सरकार को चेताते हुए कहा की सरकार खेतों को पानी दे, सिंचाई के साधनों की व्यवस्था करें। सरकार आज गुलाब की पंखुड़ियां अपने नेताओं के लिए सड़क पर बिछा रही परंतु उस गुलाब के पौधों के काटे तो किसानों के हिस्से में आए हैं। सरकार धान तो ले रही है परंतु वह भी पूरा नहीं ले रही है। सरकार किसानों की रबी फसल लेने कोई चिंता क्यों नहीं कर रही है।

रैली के अंत में भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश चंद्रवंशी ने जिलों से आए किसानों को धन्यवाद देते हुए कहा, हमारे सभी किसान अपने खर्च पर इस रैली में सहभागी हुए हैं। हमारा एक-एक कार्यकर्ता 100 किसानों का प्रतिनिधित्व करता है। प्रदेश सरकार दो वर्ष के बोनस देने के वादे पर मुंह छुपा रही है। यदि सरकार किसानों की बात नहीं सुनती है तो भारतीय किसान संघ सरकार के विरोध में और कड़े तेवर अपनाएगा।