भर्राशाही : परलकोट जलाशय में ‘साहब’ का मोबाइल गिरा तो खाली करा दिए! VIDEO
By : hashtagu, Last Updated : May 26, 2023 | 1:41 pm
उनका कहना है कि विभागीय अधिकारी पानी देने के नाम पर सरकारी नियमों को हवाला देते हैं। लेकिन एक मोबाइल के जलाशय ही खाली करा दिया। जबकि अभी पूरी गर्मी पड़ी है। उनकी मांग है कि इस कृत्य के लिए इंस्पेक्टर और पानी के निकलवाने की अनुमति देने वाले अधिकारी को नौकरी से निकाला जाना चाहिए। साथ ही इतने पानी पर लगने वाले टैक्स की रकम की वसूली इन दोनों अधिकारियों से की जाए।
चार दिन तक छतरी लगाकर बैठकर निकलवाता रहा पानी, विभागीय अफसरों को सुध नहीं
बताया जाता है कि फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास चार दिन छतरी लगाकर बैठा रहा और पंप चलते रहे। अफसर ने अपना मोबाइल पाने के लिए बांध को खाली करने का आदेश दिया तो दो मोटर पम्प लगाकर पानी को बाहर निकाला जाने लगा। इसमें पूरे 4 दिन लग गए और बांध के वेस्ट वियर से स्केल वाय के बीच जमा 21 लाख लीटर पानी बहा दिया गया। इतना पानी डेढ़ हजार एकड़ की सिंचाई के लिए काफी था। पानी ज्यादा था, इसलिए तय हुआ कि बांध के इस हिस्से को खाली करना होगा। फूड अफसर ने जलसंसाधन एसडीओ से मौखिक बातचीत की। फिर पानी निकालने के लिए 30 एचपी के दो बड़े डीजल पंप लगाए गए। सोमवार शाम पंप चालू किए गए, जो गुरुवार तक चौबीसों घंटे चले। स्केल वायर में 10 फीट पानी भरा था, जो 4 फीट पर आ गया। शिकायत पर सिंचाई अफसर मौके पर पहुंचे और पानी निकालना बंद करवाया। लेकिन तब तक स्केल वाय से 6 फीट पानी निकल चुका था। यह तकरीबन 21 लाख लीटर होता है।
फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास ने स्वीकार किया कि फोन में विभागीय जानकारी थी
फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास ने स्वीकार किया कि फोन में विभागीय जानकारी थी, इसलिए यह कदम उठाया। लेकिन फोन बंद हो गया है। एसडीओ सिंचाई विभाग के एसडीओ आरसी धीवर के अनुसार उन्हें बताया गया था कि थोड़ा-बहुत पानी निकलेगा। धोखे में रखकर ज्यादा बहा दिया। चार फीट पानी में गोताखोरों ने गुरुवार को मोबाइल ढूंढ दिया। लेकिन पानी में रहने की वजह से यहऑन नहीं हुआ। मोबाइल सुधारकों ने बताया कि इतने दिन तक यह वाटर प्रूफ नहीं रह सकता।
संबंधित क्षेत्र के खेतों और जानवरों को नहीं मिलेगा पानी
सकेल वाय में गर्मी में भी 10 फीट से अधिक पानी रहता है। यहां आसपास के जानवर भी आते हैं। पानी खाली होने से नाराज ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिन में जानवरों को भी पानी नहीं मिलेगा। क्योंकि जंगल-पहाड़ों के जलस्त्रोत लगभग सूख गए हैं। बस्तर के दर्जनों गांवों में पीने के पानी के लिए ग्रामीण झिरिया खोद रहे हैं। महिलाएं कई-कई किमी चलकर जंगलों से पानी ला रही हैं। अगर सरकारी अफसरों को इस दर्द का एहसास नहीं है, तो फिर संवेदनशील प्रशासन के दावे झूठे हैं।
😀📱सरकारी तंत्र का गलत इस्तेमाल साहब ने अपने महंगे फोन को डैम से निकालने के लिए कई लाख लीटर पानी खाली करवा दिया.
"मामला छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले का है जहां फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास ने अपने महंगे मोबाइल निकालने के लिए डैम में 3 एचपी का पंप लगाकर खाली दिया कई लाख लीटर पानी"… pic.twitter.com/10DPQIzvmh
— Somesh Patel (@SomeshPatel_) May 26, 2023
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