रायपुर: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने अपने बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के विरोध में सोमवार को छत्तीसगढ़ में राज्यव्यापी आर्थिक नाकेबंदी का नेतृत्व किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्य के 33 जिलों में दो घंटे तक चक्काजाम कर सरकार और ED के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान कई जगह बारिश के बीच कांग्रेसियों ने सड़कों पर उतरकर नारेबाजी की और प्रतीकात्मक विरोध जताया।
छत्तीसगढ़ को “अडानीगढ़” बनाने के खिलाफ आज जनता सड़कों पर है.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आवाह्न पर आज VIP चौक, रायपुर में “आर्थिक नाकेबंदी” एवं राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 53 में चक्काजाम में शामिल हुआ. #अडानी_भगाओ_छत्तीसगढ़_बचाओ pic.twitter.com/s539ixUegR
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) July 22, 2025
रायपुर में प्रदर्शन के दौरान भूपेश बघेल ने मौजूदा भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा,
“छत्तीसगढ़ की सरकार अब अहमदाबाद से चलाई जा रही है। विष्णुदेव साय सिर्फ नाम के मुख्यमंत्री हैं, असली सत्ता अडाणी के दफ्तर और अमन सिंह के हाथों में है।”
भूपेश बघेल ने कहा कि रमन सरकार में मुख्य सचिव रहे अमन सिंह अब भी सक्रिय हैं और अडाणी के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ की संपदा को लूटने का षड्यंत्र कर रहे हैं।
“बस्तर से लेकर तमनार तक जंगलों की अवैध कटाई की गई है। हसदेव के जंगल उजाड़ दिए गए, लेकिन किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।”
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि “जल-जंगल-जमीन बचाने की लड़ाई” है।
सरगुजा, बस्तर, बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर संभाग में कांग्रेसियों ने सड़कों पर ED और भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सरगुजा में कार्यकर्ताओं ने ‘रघुपति राघव राजा राम’ गाकर शांतिपूर्ण विरोध जताया। वहीं, बिलासपुर में सकरी फ्लाईओवर के नीचे, और पेंड्रा में बारिश के बीच प्रदर्शन किया गया।
18 जुलाई को ED ने भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को भिलाई से गिरफ्तार किया था। आरोप है कि शराब घोटाले की ब्लैक मनी में से 16.70 करोड़ रुपये चैतन्य को मिले, जिसे उन्होंने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्ट किया। रायपुर की स्पेशल कोर्ट ने उन्हें 5 दिन की रिमांड पर ED को सौंपा था, जो अब 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं।