छत्तीसगढ़। नए राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन (Vishwabhushan Harichandan) से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुलाकात की। राजभवन में हुई इस मुलाकात में प्रदेश के अब तक के सबसे बड़े सियासी मसले यानी की आरक्षण बिल (reservation bill) पर भी बात हुई। कुछ देर तक चली बातचीत के वक्त वहां प्रदेश के मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू भी मौजूद थे। आरक्षण पर प्रदेश के इन अफसरों ने भी राज्यपाल को जानकारी दी।
मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- मैंने आरक्षण के मामले में राज्यपाल से बात की है, उनको बताया है कि प्रदेश में सरकारी भर्ती रुकी है। हम चाहते हैं कि इस पर जल्द निर्णय हो। ताकि प्रदेश के हित में काम हो सके, राजनीति अपनी जगह है। सब का उद्देश्य जनता का हित है, युवा पीढ़ी का भविष्य प्रभावित हो रहा है। इसलिए तत्काल संज्ञान लेकर फैसला करने के लिए राज्यपाल से आग्रह किया। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने आरक्षण के बिल पर जानकारी लेकर सकारात्मक फैसला करने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें राज्यपाल के अनुभव का फायदा मिलेगा, मुझे उम्मीद है कि वे जल्द ही इस पर फैसला लेंगे, वो लॉ मिनिस्टर रह चुके हैं, राजनीति और प्रशासनिक काम काज का अच्छा अनुभव है और इस तरह के मामलों के बारे में वो जानते हैं।
माननीय राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन जी से आज राजभवन में सौजन्य भेंट की।
इस दौरान राज्य के हित से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। @GovernorCG pic.twitter.com/EVbVmPWdFy
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) March 12, 2023
राज्य सरकार ने 2 दिसंबर को विधानसभा के विशेष सत्र में राज्य में विभिन्न वर्गों के आरक्षण को बढ़ा दिया था। इसके बाद छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति के लिए 32 फीसदी, ओबीसी के लिए 27 फीसदी, अनुसूचित जाति के लिए 13 फीसदी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 4 फीसदी आरक्षण कर दिया गया। इस विधेयक को राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था।
तब राज्यपाल रहीं अनुसूईया उइके ने इसे स्वीकृत करने से इनकार कर दिया और अपने पास ही रखा। राज्यपाल के विधेयक स्वीकृत नहीं करने को लेकर एडवोकेट हिमांक सलूजा ने और राज्य शासन ने याचिका लगाई थी। राज्य शासन ने आरक्षण विधेयक बिल को राज्यपाल की ओर से रोकने को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस केस की अभी सुनवाई लंबित है।