बीजापुर। जिला स्तरीय भेंट मुलाकात के लिए बीजापुर जिले (Bijapur District) के प्रवास में पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने 457 करोड़ 58 लाख रुपए के विकास कार्यों के लोकार्पण किया। भूमि पूजन के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि नक्सल प्रभावित जिन क्षेत्रों के बंद स्कूलों से पहले गोलियों की आवाज आती थीं वहां अब बच्चे पोयम गा रहे हैं। अभी कुछ बच्चों से बात की। वे फर्राटेदार इंग्लिश बोल रहे थे। यह बीजापुर का बदलाव है। पहले मीटिंग आदि होने पर आम जनता को शाम होने पर घर पहुंचने में डर लगता था वे अब सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि बीजापुर अब कितना बदल गया है। 5 साल पहले जब यहां मुझे बुलाया जाता था तो सड़क मार्ग से आते थे, कार्यक्रम में भाषण देते हुए धीरे से कोई कहता था भैया ! जल्दी खत्म करो वापस जाना है। लेकिन आज बीजापुर में सभी सुरक्षित महसूस करते हैं। बीजापुर के लोगों में विश्वास बढ़ा है। बड़ी संख्या में कैंप खुले हैं जो इससे पहले कभी नहीं खुले थे। इतनी सड़कें बनी हैं जो पहले कभी नहीं बने थे। बहुत सारे मोटरसाइकिल खरीदे गए, जो पहले नहीं थे। 1000 से अधिक ट्रैक्टर खरीदे गए हैं, जो पहले नहीं थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले जब मैं भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आया था, यहां के लोग दो ही चीज मांगते थे। या तो हमारे यहां धान खरीदी केंद्र, बैंक खोल दो और दूसरा स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोल दो। मुझसे धान खरीदी केंद्रों की माँग की जाती है क्योंकि पहले की तुलना में दो से ढाई गुना ज्यादा धान का उत्पादन हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले यहां साइकिल का शोरूम भी दुर्लभ था, वहां आज आठ-आठ ट्रैक्टर के शोरूम हैं। मोटरसाइकिल के शोरूम खुल रहे हैं, क्योंकि आज बिक्री हो रही है। हर पंचायत में आज ट्रैक्टर हैं। बहुत बड़ी बात है। 5 साल में यहां सरकार ने जो परिवर्तन लाया है वह बहुत बड़ी बात है। पहले ढाई हजार में तेंदूपत्ता बेचते थे आज 4000 में बेच रहे हैं, महुआ, कोदो-कुटकी रागी आज बेचा जा रहा है। पहले कपड़े बाहर से आते थे। इन पांच वर्षों में यहां कपड़े बनने लगे, प्रोसेसिग यूनिट्स लगे। लोगों की आय में वृद्धि हुई है। हमने पेसा कानून लागू किया। इस प्रकार से दुर्गम से दुर्गम क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा हम लोग उपलब्ध करा रहे हैं। हास्टल के बच्चों की आदान राशि में हमने वृद्धि की। ओल्ड पेंशन लागू किया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं के मानदेय में वृद्धि की। सभी वर्गों के लिए हमने काम किया है। बस्तर विकास की ओर चल पड़ा है। आदिवासियों की जमीन आपसे छीनी गई थी। इसे वापस किया गया है।
इस मौके पर बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम शाह मंडावी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री शंकर कुड़ियम, जिला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश कारम, जिला पंचायत सदस्य बसंत राव ताटी ,जिला पंचायत सदस्य नीना रावतिया उद्दे, एडीजी नक्सल आपरेशन विवेकानंद सिन्हा, बस्तर संभागायुक्त श्याम धावड़े, आईजी पी सुंदरराज, डीआईजी कमलोचन कश्यप, कलेक्टर राजेन्द्र कुमार कटारा, पुलिस अधीक्षक श्री आंजनेय वाष्णैर्य भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री जब भेंट मुलाकात कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे तो यहां उनके स्वागत के लिए लोक कलाकार पारंपरिक धुनों में प्रस्तुति दे रहे थे। इसी समय मुख्यमंत्री भी उनके साथ शामिल हो गये और स्वयं भी मांदर को थाप देते हुए उनके साथ झूमने लगे।
जिला स्तरीय भरोसे का सम्मेलन में लगे विभिन्न स्टालों के अवलोकन के बीच मुख्यमंत्री महिला एवं बाल विकास विभाग के स्टाल पर पहुंचे जहां पर आंगनबाड़ी की पोषणवाटिका में तैयार की गई फल-सब्जी प्रदर्शित की गई थी। मुख्यमंत्री ने यहां पोषण वाटिका में ही फले सीताफल का भी स्वाद चखा।
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