रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने आज विधानसभा में अपने विभागों की अनुदान मांगों (demands for grants) पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विकास की दिशा में मजबूती के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ में ऋण भार बजट का 17.9 प्रतिशत है, अन्य प्रदेश की तुलना में छत्तीसगढ़ की स्थिति बेहतर है। आम जनता की सुविधा हेतु नए जिले, तहसीलें और अनुविभाग बनाए गए।
भेंट-मुलाकात में आम जनता से सीधा संवाद करने से बहुत सारी समस्याओं का त्वरित निवारण हो रहा है। हमारी सरकार ने कई नवाचार किए हैं, इसके लिए नवाचार आयोग बना रहे हैं। इसके तहत छत्तीसगढ़ में लोगों के विकास के लिए नई-नई योजनाओं तथा कार्यक्रमों का बेहतर ढंग से संचालन हो रहा है। प्रधानमंत्री जी भी छत्तीसगढ़ के नवाचारों की चर्चा करते हैं। नीति आयोग की बैठक में और व्यक्तिगत मुलाकातों में भी इसकी जरूर चर्चा होती है।
मुख्यमंत्री बघेल ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य में दिनों-दिन अंडरग्राउंड वॉटर नीचे जा रहा था, इसे रोकने के लिए नरवा कार्यक्रम हमने शुरू किया। जिसका बहुत ही सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगा है। नवीन पेंशन योजना की जगह पर पुरानी पेंशन योजना लागू की गई है, इसके लिए प्रावधान किया गया है। इससे राज्य में कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित हुआ है।
राज्य में 1 नवम्बर 2004 से लागू की गई नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर 1 अप्रैल 2022 से समस्त शासकीय सेवकों हेतु पुरानी पेंशन योजना बहाल की गई। इसके फलस्वरूप भविष्य में पेंशनरी दायित्वों के भुगतान हेतु गठित पेंशन निधि में निवेश के लिए 250 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कृषक जीवन ज्योति योजना के अंतर्गत 11 हजार 256 करोड़ रूपए का अनुदान दिया गया है। प्रदेश में हाफ बिजली बिल योजना के तहत मार्च 2019 से दिसम्बर 2022 तक लगभग 42.20 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को 3453.17 करोड़ रूपए की। ग्रामीण औद्योगिक पार्क एवं 334 गौठानों के कनेक्शन को रियायत प्रदान की जा चुकी है।
राज्य में 20 हजार 550 पंपों का विद्युतीकरण मार्च 2023 तक पूर्ण करने की योजना है। छत्तीसगढ़ में बिजली की कमी नहीं है, जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखकर प्रीपेड मीटर के क्षेत्र में भी हम आगे बढ़ रहे हैं। राज्य में बिजली की लगातार डिमांड बढ़ रही है, इसे ध्यान में रखकर नए उपकेंद्र खोलने की कार्य योजना बनाई जा रही है। राज्य शासन द्वारा 1320 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल ताप विद्युत परियोजना की स्थापना के संबंध में निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पत्रकार भयमुक्त वातावरण में स्वंत्रत होकर कार्य कर सके, इस दिशा में भी हम प्रभावी तरीके से उपाय सुनिश्चित कर रहे हैं। पत्रकार साथियों के लिए अधिमान्यता नियमों का सरलीकरण किया गया है। अधिमान्यता का कोटा दोगुना करने से अधिमान्य पत्रकारों की संख्या 400 से बढ़कर 600 तक पहुँच गई है। इसी तरह सम्मान निधि को 5000 से बढ़ाकर 10,000 रूपए की गयी है।
कहा कि पत्रकारों के हित में पत्रकार गृह निर्माण ऋण ब्याज अनुदान योजना लायी गई है। जिससे पत्रकार साथियों के स्वयं के घर का सपना पूरा हो सके। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में गृह निर्माण ऋण ब्याज अनुदान के लिए 50 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री बघेल ने चर्चा के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ के हित में कोई बात है तो, इसके लिए लड़ना भी पड़े तो, हम पीछे नहीं रहेंगे। हम भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे हैं, जो गलत किया, उसे सजा मिलना चाहिए। छत्तीसगढ़ में हजारों करोड़ रूपए का चिट-फंड पकड़ाया, दोषी लोग जेल में हैं, उनकी संपत्तियां नीलाम कर पीड़ित लोगों को राशि लौटाने का काम किए हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में जवाब देते हुए कहा कि हम छत्तीसगढ़ को देश और दुनिया से सहजता से जोड़ने की दिशा में भी तेजी से काम कर रहे हैं। यहां जगदलपुर का एयरपोर्ट शुरू हुआ, बिलासपुर में भी शुरू हुआ, अब विस्तार की मांग आ रही है। अंबिकापुर एयरपोर्ट के विकास के लिए 48 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है। इलेक्ट्रॉनिक और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में 11 प्रकार की परियोजनाएं चल रही हैं।
गौरतलब है कि आज विधानसभा में मुख्यमंत्री से संबंधित विभागों के लिए कुल 13 हजार 325 करोड़ रूपए से अधिक राशि की अनुदान मांगे पारित कर दी गई। इनमें विभागवार सामान्य प्रशासन विभाग के लिए 529 करोड़ 82 लाख 55 हजार रूपए, सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित अन्य व्यय के लिए 43 करोड़ 70 लाख रूपए, वित्त विभाग से संबंधित व्यय के लिए 7 हजार 558 करोड़ 23 लाख रूपए, जिला परियोजनाओं से संबंधित व्यय के लिए 208 करोड़ 65 लाख रूपए, ऊर्जा विभाग से संबंधित व्यय के लिए 3 हजार 457 करोड़ 28 लाख रूपए, खनिज साधन विभाग से संबंधित व्यय के लिए 654 करोड़ 17 लाख रूपए, जनसंपर्क विभाग से संबंधित व्यय के लिए 599 करोड़ 37 लाख रूपए, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के लिए 146 करोड़ 83 लाख रूपए तथा विमानन विभाग के लिए 128 करोड़ रूपए की राशि शामिल हैं।