बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) से पहले नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल (Leader of Opposition Narayan Chandel) के बेटे पलाश चंदेल को उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। जांच रिपोर्ट के बाद हाईकोर्ट ने पलाश पर लगे दुष्कर्म, एससी-एसटी एक्ट समेत कई आरोपों को खारिज कर दिया है। मामले में जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाया है। यह मामला आदिवासी महिला से दुष्कर्म की शिकायत का है।
दरअसल, 19 जनवरी को जांजगीर में कार्यरत एक आदिवासी महिला ने नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बेटे पलाश चंदेल पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था और रायपुर के महिला थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। जांजगीर चांपा निवासी महिला ने आरोप लगाया था कि पलाश और पीड़िता की दोस्ती फेसबुक के जरिए हुई थी। 2018 के बाद दोनों के बीच दोस्ती और गहरी हुई। आरोप है कि इसके बाद पलाश ने शादी का झांसा देकर पीड़िता से लगातार संबंध बनाए।
यह भी आरोप है कि वर्ष 2021 में जब पीड़िता गर्भवती हो गई तो गर्भपात की दवा देकर उसके बच्चे का गर्भपात करा दिया। इसके बाद दोनों के बीच कहासुनी बढ़ गई। फिर पीड़िता ने पलाश के खिलाफ शिकायत की। मामला जांजगीर चांपा का होने के कारण पलाश चंदेल के खिलाफ रायपुर में जीरो एफआईआर दर्ज की गई थी और रायपुर पुलिस ने जांजगीर चांपा पुलिस को केस भेज दिया था। इस मामले में 23 अगस्त को सुनवाई पूरी हुई थी। फैसले को सुरक्षित रखा गया था। अब हाईकोर्ट ने इस मामले की एफआईआर और जांच निरस्त करने का आदेश जारी किया है।
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